बचेली-बैलाडीला की सड़कों पर बढ़ते हादसे: विकास की रफ्तार के साथ मौत का सफर भी तेज

दंतेवाड़ा जिले के बचेली-बैलाडीला मार्ग पर लगातार हो रहे सड़क हादसों ने प्रशासनिक लापरवाही को उजागर कर दिया है। ब्लैक स्पॉट की पहचान और सड़क सुरक्षा उपायों के अभाव में यह सड़क अब विकास से ज्यादा दुर्घटनाओं की कहानी कह रही है।

Oct 25, 2025 - 18:24
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बचेली-बैलाडीला की सड़कों पर बढ़ते हादसे: विकास की रफ्तार के साथ मौत का सफर भी तेज

UNITED NEWS OF ASIA. नवीन चौधरी, बचेली/दंतेवाड़ा | बचेली-बैलाडीला मार्ग की सड़कें अब विकास की नहीं, बल्कि दुर्घटनाओं की कहानी बयां कर रही हैं। हालात ऐसे हैं कि नई सड़कों के बनने के कुछ ही दिनों में कई जानलेवा हादसे हो चुके हैं। दर्जनों लोगों की मौत और कई के घायल होने के बावजूद प्रशासन अब तक इन दुर्घटनाओं की वास्तविक वजह तलाशने में नाकाम साबित हुआ है।

 

स्थानीय लोगों का कहना है कि बचेली-बैलाडीला सड़क पर कई ऐसे ब्लैक स्पॉट हैं जहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं, फिर भी उनकी पहचान और सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। प्रशासन द्वारा अब तक न तो किसी हाई रेड पद्धति जैसी वैज्ञानिक तकनीक अपनाई गई है, जिससे हादसों के सही स्थान और कारण का पता चल सके, न ही सड़क सुरक्षा समिति का गठन किया गया है।

पिछले दिनों बैलाडीला पुराने श्मशान घाट मोड़ पर लौह अयस्क से भरा ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हैरानी की बात यह है कि ठीक उसी स्थान पर शुक्रवार की रात एक और ट्रक हादसे का शिकार हुआ। इसके अलावा सुनील ढाबा के पास हुए एक हादसे में एक ही परिवार के तीन सदस्य घायल हो गए, जबकि कुछ दिन पहले बचेली मटन मार्केट के सामने एक महिला को जान से हाथ धोना पड़ा।

 

ज्यादातर दुर्घटनाएं देर रात घटित होती हैं, जब बाजार बंद होते हैं और सड़कें सुनसान रहती हैं। ऐसे में हादसों का पैटर्न भी एक जैसा दिखाई देता है — कम रोशनी, तीखे मोड़ और लापरवाह वाहन संचालन।

दंतेवाड़ा जिले में सड़क दुर्घटनाओं की रिपोर्टिंग केवल एफआईआर और अस्पताल रिकॉर्ड तक सीमित है। इससे यह नहीं पता चलता कि कौन-से स्थान पर कितनी बार हादसे हो रहे हैं। जबकि हाई रेड पद्धति के तहत हर दुर्घटना का डिजिटल रिकॉर्ड — जैसे स्थान, समय, कारण, वाहन का प्रकार, मृतक या घायल की स्थिति — तैयार किया जाता है, जो सड़क सुरक्षा के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है।

 

फिलहाल, प्रशासन की चुप्पी और ठोस कार्रवाई के अभाव में बचेली-बैलाडीला की सड़कें विकास की नहीं, बल्कि हादसों की रफ्तार पर दौड़ रही हैं। आने वाले दिनों में यदि सुरक्षा उपाय नहीं अपनाए गए, तो यह सड़कें और अधिक जिंदगियां निगल सकती हैं।