AAFT विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल के साथ शामिल हुए विधायक अनुज शर्मा, बोले– शिक्षा आत्मनिर्भरता और सामाजिक समरसता का माध्यम

रायपुर स्थित AAFT विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रमेन डेका, मंत्री टंकराम वर्मा और धरसींवा विधायक अनुज शर्मा शामिल हुए। विधायक अनुज ने कहा कि भारतीय परंपरा में शिक्षा केवल रोजगार नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और सामाजिक समरसता का माध्यम है।

Nov 6, 2025 - 16:57
 0  3
AAFT विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल के साथ शामिल हुए विधायक अनुज शर्मा, बोले– शिक्षा आत्मनिर्भरता और सामाजिक समरसता का माध्यम

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। राजधानी रायपुर के AAFT University (मीडिया एंड आर्ट्स) में गुरुवार को भव्य दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका, विशिष्ट अतिथि के रूप में मंत्री टंकराम वर्मा और धरसींवा विधायक अनुज शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

 

विधायक अनुज शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार प्राप्त करना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, सृजनशीलता और सामाजिक समरसता को विकसित करना है। उन्होंने कहा, “भारतीय परंपरा में शिक्षा को सदैव जीवन का माध्यम माना गया है, जो व्यक्ति को अनुशासन, कौशल और आत्मबोध प्रदान करती है। हमारे ऋग्वेद में कहा गया है कि ‘ज्ञान साधारण को असाधारण में और संभावनाओं को शक्ति में परिवर्तित करता है।’”

 

अनुज शर्मा ने कहा कि आज की नई शिक्षा नीति (एनईपी) ने इसी शाश्वत सत्य को पुनः स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि “शिक्षा केवल सूचना देने का माध्यम नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह व्यक्ति को कर्मशील, नवाचारी और सृजनात्मक बनने में सक्षम करे।”

 

उन्होंने बताया कि AAFT विश्वविद्यालय मीडिया और कला शिक्षा के क्षेत्र में कौशल-आधारित और सृजनशील शिक्षा का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह संस्था शिक्षा को केवल कल्पना पर आधारित नहीं रखती, बल्कि उसे व्यावहारिक दक्षता, परिश्रम और सटीकता से जोड़ती है। उन्होंने कहा कि “मैंने अपने जीवन में सीखा है कि असली शिक्षा वही है जो ‘करके सीखने’ की प्रेरणा दे। यही प्रक्रिया व्यक्ति को आत्मविश्वास और समाज से जुड़ाव देती है।”

विधायक अनुज शर्मा ने स्नातक विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, “आज का दिन आपके जीवन की एक महत्वपूर्ण यात्रा का मील का पत्थर है। यह डिग्री केवल आपकी पढ़ाई का परिणाम नहीं, बल्कि आपके धैर्य, समर्पण और आत्मविश्वास का प्रतीक है। आपकी प्रतिभा आपके कर्म से निखरे, आपका मस्तिष्क प्रकाशमान हो और आपका हृदय संवेदनशील बना रहे।”

 

उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी प्राप्त करना नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना होना चाहिए। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने कौशल और रचनात्मकता का उपयोग समाज सेवा, नवाचार और राष्ट्र निर्माण के लिए करें।

इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका ने भी विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं और कहा कि छत्तीसगढ़ शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। मंत्री टंकराम वर्मा ने विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की और विद्यार्थियों से आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में डॉ. संदीप मरवाह, विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर, व्याख्याता एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। समापन में सभी स्नातकों को उपाधि प्रदान की गई और विश्वविद्यालय परिसर में उल्लास और गर्व का वातावरण व्याप्त रहा।