खमतराई थाना क्षेत्र में सक्रिय लोहा तस्करी का बड़ा नेटवर्क — बीरगांव-उरला में उमाशंकर गुप्ता पर गंभीर आरोप

रायपुर के खमतराई थाना क्षेत्र में लोहा तस्करी का बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। व्यापारी उमाशंकर गुप्ता पर सरकारी संपत्ति काटकर अवैध व्यापार और जीएसटी चोरी के आरोप लगे हैं।

Oct 17, 2025 - 12:38
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खमतराई थाना क्षेत्र में सक्रिय लोहा तस्करी का बड़ा नेटवर्क — बीरगांव-उरला में उमाशंकर गुप्ता पर गंभीर आरोप

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। राजधानी रायपुर के खमतराई थाना क्षेत्र में लोहा तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय होने की जानकारी सामने आई है। बीरगांव और उरला औद्योगिक क्षेत्र में लंबे समय से अवैध लोहा व्यापार चलने की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हनुमान ट्रेडर्स नाम से कारोबार करने वाले व्यापारी उमाशंकर गुप्ता पर आरोप है कि वे सरकारी संपत्ति में प्रयुक्त लोहे के खंभे, बैरिकेड, पाइप और अन्य धातु सामग्री को अवैध रूप से काटकर बेचने का कार्य कर रहे हैं।

 

रात के समय क्षेत्र में गैस कटर और भारी मशीनों की आवाजें सुनाई देने की बात स्थानीय निवासियों ने बताई है। उनका कहना है कि बीरगांव-उरला इलाके में रातभर ट्रकों के जरिए लोहे के सामान को बाहर भेजा जाता है। बताया जा रहा है कि इस अवैध नेटवर्क के माध्यम से जीएसटी चोरी और बिना बिल के व्यापार भी चलाया जा रहा है, जिससे शासन को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है।

 

शिकायतकर्ताओं का यह भी कहना है कि जब-जब जीएसटी अधिकारी जांच करने पहुंचे, व्यापारी द्वारा दबाव बनाकर या कागजी औपचारिकताओं का हवाला देकर कार्रवाई रोक दी गई। वहीं, सरकारी विभागों से चोरी हुई सामग्री का अब तक कोई ठोस रिकॉर्ड सामने नहीं आया है।

 

इस संबंध में हनुमान ट्रेडर्स के संचालक उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि “बीजेपी सरकार आने के बाद हमारे काम में बाधा डाली जा रही है। हम सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ व्यापार कर रहे हैं।” हालांकि, इस बयान से स्थानीय लोगों की शंकाएं दूर नहीं हुई हैं।

 

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि — क्या पुलिस और प्रशासन को इस तस्करी नेटवर्क की भनक नहीं है? क्या बिजली विभाग और नगर निगम को अपनी चोरी हुई संपत्ति का कोई ब्योरा नहीं मिला?

स्थानीय नागरिकों ने शासन से उच्चस्तरीय जांच, सीसीटीवी फुटेज की जांच और तत्काल कार्रवाई की मांग की है। रायपुर की औद्योगिक साख को बचाने और सरकारी संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को इस मामले में कठोर कदम उठाने की जरूरत है।