एफ.आर.ए. क्लस्टर ग्राम मयूरडोंगर में 3 दिवसीय तकनीकी उन्नयन प्रशिक्षण सम्पन्न, 40 कृषक हुए लाभान्वित

जिला कोंडागांव के एफ.आर.ए. क्लस्टर ग्राम मयूरडोंगर में मछली पालन विभाग द्वारा तीन दिवसीय तकनीकी उन्नयन प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में मयूरडोंगर और चारगांव के 40 कृषकों को वैज्ञानिक मछली पालन और विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई।

Dec 13, 2025 - 11:55
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एफ.आर.ए. क्लस्टर ग्राम मयूरडोंगर में 3 दिवसीय तकनीकी उन्नयन प्रशिक्षण सम्पन्न, 40 कृषक हुए लाभान्वित

UNITED NEWS OF ASIA. रामकुमार भारद्वाज, कोंडागांव। जिला कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना के मार्गदर्शन में मछली पालन विभाग, जिला कोंडागांव द्वारा एफ.आर.ए. क्लस्टर ग्राम मयूरडोंगर में तीन दिवसीय तकनीकी उन्नयन प्रशिक्षण का सफल आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण 10 दिसंबर से 12 दिसंबर 2025 तक आयोजित हुआ, जिसमें ग्राम मयूरडोंगर एवं ग्राम चारगांव के कुल 40 कृषकों ने भाग लिया और प्रशिक्षण का लाभ प्राप्त किया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण कृषकों को मछली पालन की वैज्ञानिक एवं आधुनिक तकनीकों से अवगत कराना था, ताकि वे कम लागत में अधिक उत्पादन कर अपनी आय में वृद्धि कर सकें। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को तालाब प्रबंधन, उन्नत मछली बीज चयन, संतुलित आहार, जल गुणवत्ता प्रबंधन, रोग नियंत्रण एवं विपणन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं। इसके साथ ही मछली पालन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और अनुदान सुविधाओं की भी जानकारी साझा की गई।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018-19 में समन्वित कृषि को बढ़ावा देने तथा कृषि, मुर्गीपालन, मछली पालन और उद्यानिकी फसलों के माध्यम से ग्रामीण आजीविका विकास के उद्देश्य से 110 एकड़ क्षेत्र में एफ.आर.ए. क्लस्टर विकास की संकल्पना की गई थी। इस पहल के अंतर्गत किसानों को बहुआयामी कृषि गतिविधियों से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें मछली पालन एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में शामिल है।

कार्यक्रम में ग्राम पंचायत मयूरडोंगर के सरपंच जयलाल नेताम, तकनीकी विशेषज्ञ योगेश कुमार देवांगन, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मयूरडोंगर के प्राचार्य जमील खान, व्याख्याता यशवंत देवांगन सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। अतिथियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण विकास और आजीविका सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

प्रशिक्षण में शामिल कृषकों ने भी कार्यक्रम को उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे उन्हें मछली पालन को व्यावसायिक रूप से अपनाने की प्रेरणा मिली है और भविष्य में वे इस तकनीकी ज्ञान का लाभ लेकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकेंगे।