दुर्लभ शुभ योग में मनाई जाएगी धनतेरस — ग्रहों की अनुकूल स्थिति से दोगुनी होगी लक्ष्मी कृपा

18 अक्टूबर की धनतेरस इस बार विशेष शुभ है। ग्रहों की अनुकूल स्थिति से बना दुर्लभ योग लक्ष्मी कृपा दोगुनी करेगा। खरीदारी, निवेश और पूजा सब होंगे लाभदायक।

Oct 15, 2025 - 12:21
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दुर्लभ शुभ योग में मनाई जाएगी धनतेरस — ग्रहों की अनुकूल स्थिति से दोगुनी होगी लक्ष्मी कृपा

UNITED NEWS OF ASIA.। इस साल की धनतेरस (18 अक्टूबर 2025) एक विशेष और दुर्लभ शुभ योग में मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार ग्रहों की अनुकूल स्थिति से ऐसा दिव्य संयोग बन रहा है जो लक्ष्मी कृपा को दोगुना कर देगा।

शुभ मुहूर्त के अनुसार, धनतेरस का पावन काल 18 अक्टूबर दोपहर 1:20 बजे से शुरू होकर 19 अक्टूबर दोपहर 1:54 बजे तक रहेगा। यानी लगभग 24 घंटे से अधिक का शुभ समय खरीदारी, निवेश, धन संचय और पूजा-पाठ के लिए अत्यंत लाभदायक रहेगा।

पंचांग विश्लेषण बताता है कि इस बार धनत्रयोदशी तिथि और प्रदोषकाल का अद्भुत संयोग बन रहा है। साथ ही शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि में और बृहस्पति अनुकूल भाव में रहेंगे, जिससे देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की कृपा प्राप्त होने के योग प्रबल हैं।

इस बार की धनतेरस पर सोना, चांदी, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और गृह उपयोगी वस्तुओं की खरीद को अत्यंत शुभ माना गया है। ज्योतिषाचार्य पंडितों का कहना है कि ग्रहों की यह चाल पांच साल बाद इतना अनुकूल योग बना रही है, जिससे इस वर्ष की धनतेरस और दीपावली दोनों ही अद्वितीय फलदायी सिद्ध होंगी।

ज्योतिषाचार्य पं. राजेश त्रिवेदी के अनुसार —

“इस वर्ष शुक्र के उच्च स्थान पर होने से लक्ष्मी कृपा में वृद्धि होगी। बृहस्पति की अनुकूल दृष्टि से व्यापार में लाभ और धनवृद्धि के योग प्रबल हैं।”

वहीं पं. आलोक दुबे कहते हैं कि इस बार धनतेरस पर खरीदी के साथ-साथ शाम के समय लक्ष्मी-कुबेर पूजन का विशेष महत्व रहेगा।

“धनतेरस की पूजा से घर में सुख-समृद्धि, धन-संपन्नता और आर्थिक स्थिरता का वास होता है। इस दिन दीपदान और तुलसी पूजन करना भी अत्यंत शुभ माना गया है।”

धनतेरस पर की गई खरीदारी को शुभता और स्थायित्व का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस वर्ष यदि श्रद्धा और सही मुहूर्त में पूजा-अर्चना की जाए तो धन लाभ, रोगों से मुक्ति और वैभव वृद्धि के योग प्रबल रहेंगे।

इस प्रकार, ग्रहों की अनुकूल चाल और शुभ योग के कारण यह धनतेरस न केवल खरीदारी बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत मंगलकारी रहने वाली है।