शारदीय नवरात्रि 2025: हाथी पर सवार होकर आ रही मां दुर्गा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पौराणिक महत्व

शारदीय नवरात्रि 2025 आज 22 सितंबर से आरंभ हो रही है। इस बार मां दुर्गा हाथी वाहन पर सवार होकर आ रही हैं। जानें घटस्थापना, अभिजीत मुहूर्त, नौ दिनों की पूजा विधि, माता के नौ स्वरूप और इस पर्व का पौराणिक महत्व।

Sep 21, 2025 - 17:36
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शारदीय नवरात्रि 2025: हाथी पर सवार होकर आ रही मां दुर्गा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पौराणिक महत्व

 UNITED NEWS OF ASIA. पंडित सुधांशु तिवारी। शारदीय नवरात्रि 2025 आज, 22 सितंबर से आरंभ हो रही है। इस वर्ष मां दुर्गा का आगमन हाथी वाहन पर होने वाला है, जिसे शास्त्रों में अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने से सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, घटस्थापना का शुभ मुहूर्त आज सुबह 06:09 बजे से 08:06 बजे तक है। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक है। इन समयों पर कलश स्थापना और मां दुर्गा की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

हाथी पर सवार मां दुर्गा
इस बार माता रानी हाथी वाहन पर सवार होकर आ रही हैं। ऐसा माना जाता है कि हाथी वाहन मां के आगमन से भक्तों की आर्थिक तंगी दूर होती है और अन्न एवं धन का भंडार भर जाता है।

नवरात्रि का पौराणिक महत्व
नवरात्रि देवी दुर्गा की शक्ति और साहस का प्रतीक है। पुराणों के अनुसार, राक्षस महिषासुर के अत्याचार से देवता त्रस्त हो गए थे। देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध कर मानवता और देवताओं को मुक्ति दिलाई। नवरात्रि अच्छाई की बुराई पर विजय का पर्व है और दशहरा इसी पर्व का समापन है।

शारदीय नवरात्रि पूजा विधि

  • प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  • मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाकर तोरण लगाएं।

  • चौकी बिछाकर माता की मूर्ति और कलश स्थापित करें।

  • कलश पर नारियल, अशोक के पत्ते और चारों ओर चुनरी बांधकर पूजा करें।

  • उत्तर-उत्तरपूर्व दिशा में कलश रखें और विधिपूर्वक माता की उपासना करें।

नवरात्रि का दस दिवसीय विशेष पर्व
इस वर्ष नवरात्रि 10 दिन तक मनाई जाएगी। नवमी तिथि 1 अक्टूबर को और अष्टमी 30 सितंबर को रहेगी।

मां दुर्गा के नौ स्वरूप

  1. 22 सितंबर: शैलपुत्री – प्रतिपदा, घटस्थापना

  2. 23 सितंबर: ब्रह्मचारिणी – द्वितीया

  3. 24 सितंबर: चंद्रघंटा – तृतीया

  4. 25 सितंबर: कूष्माण्डा – चतुर्थी

  5. 27 सितंबर: स्कंदमाता – पंचमी

  6. 28 सितंबर: कात्यायनी – षष्ठी

  7. 29 सितंबर: कालरात्रि – सप्तमी

  8. 30 सितंबर: महागौरी – अष्टमी

  9. 1 अक्टूबर: सिद्धिदात्री – नवमी

  10. 2 अक्टूबर: मां दुर्गा विसर्जन – दशमी, दशहरा

शारदीय नवरात्रि 2025 के इस शुभ अवसर पर श्रद्धालु पूरे विधि-विधान से माता दुर्गा की पूजा कर सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं।