एनएमडीसी किरंदुल परियोजना में कर्मचारियों को रिकॉर्ड बोनस, ठेका श्रमिकों में नाराजगी और नए संगठन की तैयारी
एनएमडीसी किरंदुल परियोजना में नियमित कर्मचारियों को 1 से 3 लाख रुपये तक का वार्षिक बोनस मिलने से खुशी का माहौल है। श्रमिक यूनियनों को इसका श्रेय दिया जा रहा है। वहीं ठेका श्रमिकों में भारी असंतोष है क्योंकि उन्हें न तो बोनस मिला है और न ही समय पर वेतन। अधिकार की बात करने पर नौकरी छिनने का डर भी बना हुआ है। अब ठेका श्रमिक भारत सरकार से पंजीकृत नया संगठन बनाकर अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।

UNITED NEWS OF ASIA. नवीन चौधरी, बचेली/दंतेवाड़ा | औद्योगिक नगर किरंदुल स्थित एनएमडीसी नव-रत्न परियोजना में इस वर्ष कर्मचारियों और अधिकारियों को अपेक्षा से अधिक वार्षिक बोनस मिलने से खुशी और उत्साह का माहौल है। जानकारी के अनुसार, प्रत्येक नियमित कर्मचारी और अधिकारी को 1 लाख से 3 लाख रुपये तक का बोनस प्रदान किया गया है।
हालांकि रकम बहुत बड़ी नहीं कही जा सकती, लेकिन महंगाई के दौर में यह पिछले वर्षों से कहीं अधिक है। इसका श्रेय मजदूर यूनियनों – इंटक यूनियन और एटक यूनियन को दिया जा रहा है, जिन्होंने नियमित श्रमिकों के हितों की रक्षा में अहम भूमिका निभाई।
ठेका श्रमिकों में गहरी नाराजगी
दूसरी ओर, परियोजना में कार्यरत ठेका श्रमिकों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। उनकी संख्या नियमित कर्मचारियों से कहीं अधिक होने के बावजूद उन्हें न तो समय पर वेतन मिलता है और न ही बोनस का लाभ। श्रमिकों का कहना है कि महीनेभर काम करने के बावजूद वेतन 10 से 20 तारीख के बीच मिलता है। पिछले वर्षों में दीपावली के बाद उन्हें बोनस दिया जाता था, लेकिन इस बार वे पूरी तरह वंचित रह गए।
अधिकार मांगने पर रोजगार खतरे में
ठेका श्रमिकों का आरोप है कि यदि वे अपने अधिकारों की मांग करते हैं, तो प्रबंधन उनके रोजगार को खतरे में डाल देता है। आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय तबके से आने वाले इन श्रमिकों को नौकरी में कोई स्थिरता नहीं मिलती।
नया संगठन बनाने की तैयारी
कुछ ठेका श्रमिकों ने बताया कि वे अब भारत सरकार से पंजीकृत नया श्रमिक संगठन बनाने जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य होगा –
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ठेका श्रमिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा
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उनके शोषण और हनन को रोकना
बैलाडीला की दोनों परियोजनाओं में ठेका श्रमिकों की संख्या नियमित कर्मचारियों से कहीं अधिक है। अब वे सभी एकजुट होकर अपने अधिकारों की आवाज बुलंद करने की तैयारी में हैं।
यूनियनों पर भरोसा खत्म
ठेका श्रमिकों का कहना है कि पुरानी यूनियनों ने केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए उनका इस्तेमाल किया और बाद में उन्हें नजरअंदाज कर दिया। इसी कारण वे अब स्वतंत्र संगठन बनाकर संघर्ष का नया रास्ता अपनाने को तैयार हैं।
सरकार और पत्रकारों से अपील
श्रमिकों ने सरकार और पत्रकारों से अपील की है कि वे नए संगठन के गठन में सहयोग और सुरक्षा प्रदान करें, ताकि वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें और रोजगार छिनने के डर से मुक्त हो सकें।
मुख्य बिंदु:
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एनएमडीसी कर्मचारियों को मिला 1–3 लाख रुपये का बोनस
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ठेका श्रमिकों को न बोनस, न समय पर वेतन
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अधिकार मांगने पर नौकरी खतरे में
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नया, भारत सरकार पंजीकृत संगठन बनाने की तैयारी
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सरकार और पत्रकारों से सहयोग की मांग