दीपावली पर कुम्हारों और ग्रामीण शिल्पकारों को राहत, मिट्टी के दीयों की बिक्री पर नहीं लगेगा कोई कर
बेमेतरा में दीपावली पर कुम्हारों और ग्रामीण शिल्पकारों को राहत, मिट्टी के दीयों की बिक्री पर कर नहीं लगेगा, पारंपरिक कला और ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा मिलेगा।

UNITED NEWS OF ASIA. बेमेतरा। दीपावली पर्व के अवसर पर जिले में कुम्हारों और ग्रामीण शिल्पकारों के लिए खुशखबरी आई है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी रणबीर शर्मा ने निर्देश जारी किया है कि इस वर्ष पारंपरिक मिट्टी के दीयों की बिक्री करने वाले ग्रामीणों से किसी भी प्रकार का कर या शुल्क वसूला नहीं जाएगा। इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक कला का संरक्षण करना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना और दीपावली पर्व को पर्यावरण-मित्र ढंग से मनाने को प्रोत्साहित करना है।
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कुम्हार एवं शिल्पकार दीपावली के लिए मिट्टी के दीयों का निर्माण करते हैं। ये दीये स्थानीय बाजारों में बिक्री हेतु लाए जाते हैं और इनकी बिक्री से ग्रामीणों की आजीविका जुड़ी होती है। कलेक्टर रणबीर शर्मा ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इन विक्रेताओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और नगर पालिका एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में कर-मुक्त बिक्री सुनिश्चित की जाए।
कलेक्टर ने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल मिट्टी के दीयों का प्रयोग न केवल पारंपरिक संस्कृति को प्रोत्साहित करता है, बल्कि प्रदूषण कम करने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी सहायक है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अपने उत्पादों को सुरक्षित तरीके से बाजार में लाएं और खरीदारों को मिट्टी के दीयों के लाभ एवं पर्यावरणीय महत्व के बारे में जानकारी दें।
अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि किसी भी स्तर पर अव्यवस्था या कर वसूली की शिकायत आने पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाए। इस कदम से न केवल कुम्हारों और शिल्पकारों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि स्थानीय पारंपरिक कला का प्रचार-प्रसार भी होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाती है और उत्सवों को पर्यावरण के अनुकूल ढंग से मनाने में मदद करती है। इस वर्ष के दीपावली पर्व पर बेमेतरा में कर-मुक्त दीयों की बिक्री से ग्रामीण कारीगरों की आय में वृद्धि होने की उम्मीद है और पारंपरिक कला का संरक्षण सुनिश्चित होगा।
इस पहल के माध्यम से प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वह स्थानीय कारीगरों और उनके उत्पादों के साथ है और उनकी आजीविका को मजबूत करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।