“अमृतसर और काबुल-कंधार के बीच जल्द शुरू होंगी सीधी उड़ानें, व्यापार और संपर्क को मिलेगा बढ़ावा”

अमृतसर और अफगानिस्तान के काबुल व कंधार के बीच सीधी उड़ानें जल्द शुरू होंगी। इससे व्यापार और द्विपक्षीय संपर्क मजबूत होंगे, साथ ही हवाई पुल को सुरक्षित बनाया जाएगा।

Oct 14, 2025 - 13:48
 0  4
“अमृतसर और काबुल-कंधार के बीच जल्द शुरू होंगी सीधी उड़ानें, व्यापार और संपर्क को मिलेगा बढ़ावा”

UNITED NEWS OF ASIA. | अमृतसर और अफगानिस्तान के काबुल-कंधार के बीच जल्द ही सीधी उड़ानें शुरू होने जा रही हैं। यह घोषणा अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने की। उन्होंने इस कदम को व्यापार और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।

मुत्तकी के अनुसार, नई उड़ानें भारत और अफगानिस्तान के बीच तेज और सुरक्षित हवाई कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेंगी। इससे न केवल व्यापारिक गतिविधियों को गति मिलेगी, बल्कि दोनों देशों के नागरिकों और व्यवसायियों के बीच संपर्क और सहयोग में भी वृद्धि होगी।

डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी, राज्यसभा सांसद और वाणिज्य पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य ने इस पहल को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कदम द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा और मजबूती लाएगा। साहनी ने बताया कि इस नई हवाई कड़ी से न केवल व्यापारिक वस्तुओं का आदान-प्रदान तेज होगा, बल्कि यात्रा समय में भी काफी कमी आएगी, जिससे व्यापार और सामाजिक संबंधों में बेहतर सहयोग संभव होगा।

आमिर खान मुत्तकी ने यह भी कहा कि भारत को चाबहार बंदरगाह पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत करनी चाहिए। उनका मानना है कि रणनीतिक रूप से स्थित चाबहार बंदरगाह का अधिकतम इस्तेमाल दोनों देशों के हित में है और यह दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के बीच कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपनी बैठकों में इस मुद्दे को भी उठाया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अमृतसर और काबुल-कंधार के बीच नई उड़ानें व्यापार और निवेश के लिए नए अवसर पैदा करेंगी। इससे भारतीय उद्योगों को अफगान बाजार में प्रवेश आसान होगा, जबकि अफगान उत्पादकों के लिए भारत एक बड़ा निर्यात केंद्र बन जाएगा।

इस नई हवाई कड़ी के शुरू होने के बाद व्यापारियों, छात्रों, चिकित्सकों और पर्यटकों के लिए भी यात्रा आसान और सुरक्षित हो जाएगी। दोनों देशों के लिए यह कदम रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे द्विपक्षीय सहयोग, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।

अफगानिस्तान और भारत के बीच यह पहल दोतरफा फायदे सुनिश्चित करेगी और दक्षिण एशिया में हवाई संपर्क की दिशा में एक नई मिसाल स्थापित करेगी।