भारत में इजरायली राजदूत का बड़ा बयान: पाकिस्तान भविष्य में इजरायल को दे सकता है मान्यता
भारत में इजरायली राजदूत रियूवेन अजार ने कहा कि पाकिस्तान भविष्य में इजरायल को मान्यता दे सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के गाजा शांति प्रस्ताव और स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र की संभावनाओं के चलते मुस्लिम और अरब देशों के बीच इजरायल के प्रति स्वीकार्यता बढ़ रही है।

UNITED NEWS OF ASIA. तेल अवीव। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मौजूदगी में गाजा शांति प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें गाजा में तत्काल सैन्य कार्रवाई रोकने का प्रस्ताव शामिल है। इस योजना के तहत हमास को 72 घंटे के भीतर 20 जीवित इजरायली बंधकों को रिहा करना और करीब 20 मृत बंधकों के शव वापस करना होगा। दुनियाभर के मुस्लिम देशों ने इस शांति पहल का स्वागत किया है, और यह प्रस्ताव फिलिस्तीनी राष्ट्र के स्वतंत्र निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस शांति प्रस्ताव का एक उद्देश्य मुस्लिम देशों में इजरायल की स्वीकार्यता बढ़ाना भी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र के गठन के बाद सऊदी अरब और पाकिस्तान जैसे देशों द्वारा इजरायल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए जा सकते हैं। इसे ट्रंप के अब्राहम समझौते का विस्तारित रूप भी माना जा रहा है।
इस मौके पर जब भारत में इजरायली राजदूत रियूवेन अजार से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान भविष्य में इजरायल को मान्यता देगा, तो उन्होंने कहा, "आगे चलकर पाकिस्तान भी इजरायल को मान्यता देगा। मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे। यह एक महत्वपूर्ण कदम है कि अरब और मुस्लिम दोनों देश इस दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्ध हैं। कट्टरपंथ से मुक्ति के इस दृष्टिकोण में शामिल हुए हैं।"
हालांकि, पाकिस्तान अब तक इजरायल को अपना दुश्मन मानता रहा है। दोनों देशों के बीच कोई सीमा या व्यापारिक संबंध नहीं हैं। पाकिस्तान अपने पासपोर्ट पर इजरायल को छोड़कर दुनिया में मान्यता देता है और इजरायली नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध भी लगा रखता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर फिलिस्तीनी राज्य का गठन होता है और मुस्लिम देशों में इजरायल को स्वीकार्यता मिलती है, तो दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व में राजनीतिक और राजनयिक परिदृश्य में बड़े बदलाव आ सकते हैं।