यूक्रेन युद्ध रुका नहीं, लेकिन ट्रंप ने खुद के लिए मांगा नोबेल शांति पुरस्कार, भारत-पाक संघर्ष का किया जिक्र
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति बनने के आठ महीनों में उन्होंने दुनिया भर में सात संघर्ष रोककर शांति स्थापित की, जिसमें भारत-पाकिस्तान संघर्ष भी शामिल है।

UNIED NEWS OF ASIA. वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में खुद के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग की है। ट्रंप ने कहा कि जनवरी में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद उन्होंने केवल आठ महीनों में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में सात संघर्षों को रोकने में योगदान दिया है। उनका दावा है कि यही कारण है कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा जाना चाहिए।
हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध अब भी जारी है, लेकिन ट्रंप ने कहा कि इसके बावजूद वह पुरस्कार के हकदार हैं। उन्होंने कहा, “अगर रूस और यूक्रेन की लड़ाई रुक जाती है तो मुझे पुरस्कार मिलेगा। लेकिन अब तक रोकवाए गए युद्धों को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है?”
भारत-पाकिस्तान का जिक्र:
ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के हालिया सीजफायर का उदाहरण देते हुए कहा कि दोनों परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों के बीच युद्ध को रोकने में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने दावा किया कि 10 मई के सीजफायर में उनका हस्तक्षेप शामिल था, हालांकि भारत की ओर से इस दावे को खारिज किया गया है।
अन्य अंतरराष्ट्रीय संघर्ष:
ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने थाईलैंड-कंबोडिया, अर्मेनिया-अजरबैजान, कोसोवो-सर्बिया, इजरायल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया और रवांडा-कांगो में संघर्ष रोकने का प्रयास किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन सात संघर्षों में से हर एक के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।
नोबेल के लिए बेताब ट्रंप:
ट्रंप ने पहले भी कई मौकों पर अपनी नाराजगी जताई है कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिल रहा। जून में सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि यह समझ से परे है कि उनके शांति प्रयासों को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है। राष्ट्रपति बनने के बाद कई इंटरव्यू और रैलियों में ट्रंप ने बार-बार नोबेल पुरस्कार की बात उठाई।
इस बीच, ट्रंप का यह दावा और नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उनकी मांग अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चर्चा का विषय बनी हुई है।