वरिष्ठ भाजपा नेता ननकीराम कंवर की उपेक्षा और नजरबंदी पर उठे सवाल, छत्तीसगढ़िया नेतृत्व को हाशिए पर भेजने की साजिश

छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर की उपेक्षा और नजरबंदी को लेकर कोरबा में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। भाजपा कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच गुस्सा है कि संगठन ने ऐसे नेता को नजरअंदाज कर दिया, जिन्होंने कांग्रेस सरकार के घोटालों को उजागर कर पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसे कोरबा में छत्तीसगढ़िया नेतृत्व को हाशिए पर धकेलने की साजिश बताया जा रहा है।

Oct 4, 2025 - 18:14
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वरिष्ठ भाजपा नेता ननकीराम कंवर की उपेक्षा और नजरबंदी पर उठे सवाल, छत्तीसगढ़िया नेतृत्व को हाशिए पर भेजने की साजिश

UNITED NEWS OF ASIA. भूपेंद्र साहू, कोरबा। छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ एवं कद्दावर नेता, पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर की उपेक्षा और उन्हें नजरबंद किए जाने की घटना ने संगठन के भीतर ही असंतोष और गहरी नाराजगी को जन्म दिया है। कोरबा में भाजपा के लिए भीष्म पितामह माने जाने वाले ननकीराम कंवर को इस तरह नजरअंदाज और अपमानित किया जाना संगठन की गंभीर कमजोरी के रूप में देखा जा रहा है।

ननकीराम कंवर ने कांग्रेस सरकार के कई घोटालों को उजागर कर भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके संघर्ष और जमीनी राजनीति के बावजूद उन्हें हाशिए पर धकेलने की कोशिश को कोरबा में छत्तीसगढ़िया नेतृत्व को लूप लाइन में भेजने की साजिश माना जा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जैसे कांग्रेस सरकार ने अधिकारियों को अंधाधुंध संरक्षण दिया और सत्ता से बाहर हो गई, वैसे ही भाजपा भी वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा कर राजनीतिक नुकसान झेल सकती है। लखन देवांगन से इस्तीफा मांगा जाना, मनोज शर्मा को हटाया जाना और विकास महतो का विरोध इसी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद तक को पूंजीपति वर्ग के हाथों में सौंपने की कोशिशों ने जमीनी कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ दिया है।

स्थानीय राजनीतिक हलकों में यह भी कहा जा रहा है कि सत्ता में बैठे बिना जनाधार वाले नेता मलाई काट रहे हैं, जबकि संघर्ष कर भाजपा को मजबूत बनाने वाले नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है। इससे जनता के मन में भी गहरा आक्रोश पनप रहा है।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से अपील की है कि वह ननकीराम कंवर जैसे वरिष्ठ और संघर्षशील नेताओं का सम्मान सुनिश्चित करे तथा कोरबा के विकास में जमीन से जुड़े जनप्रतिनिधियों की बातों को प्राथमिकता दे। वरिष्ठ और जमीनी नेताओं की उपेक्षा भाजपा के लिए भविष्य में बड़ा राजनीतिक नुकसान साबित हो सकती है।