धनतेरस 2025: मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की कृपा में करें पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और खरीदारी के नियम

धनतेरस 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करें, शुभ मुहूर्त में खरीदारी और यम दीप जलाकर सुख, समृद्धि व स्वास्थ्य प्राप्त करें।

Oct 17, 2025 - 16:42
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धनतेरस 2025: मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की कृपा में करें पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और खरीदारी के नियम

UNITED NEWS OF ASIA.  पंडित सुधांशु तिवारी | धनतेरस का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और हर वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे, इसलिए इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विधान है। धनतेरस 2025 में 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

 

आचार्य पंडित सुधांशु तिवारी के अनुसार, त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को दोपहर 12:20 बजे से शुरू होकर 19 अक्टूबर को दोपहर 1:52 बजे समाप्त होगी। इस दिन प्रदोष काल में पूजा करना शुभ माना जाता है। धनतेरस के लिए पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 07:16 से 08:20 बजे तक रहेगा। यम के दीप जलाने का मुहूर्त 05:48 से 07:04 बजे तक है।

धनतेरस पर खरीदारी के तीन प्रमुख शुभ मुहूर्त हैं। पहला अमृत काल सुबह 08:50 से 10:33 बजे, अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:01 से 12:48 बजे, और लाभ-उन्नति चौघड़िया दोपहर 01:51 से 03:18 बजे तक है। इस दौरान सोना, चांदी, तांबा और पीतल के बर्तन खरीदना अत्यंत शुभ माना गया है। इसके अलावा झाड़ू खरीदना भी लाभकारी माना जाता है, क्योंकि यह मां लक्ष्मी का प्रतीक है।

धनतेरस पर 13 दीये जलाने की परंपरा है। पहला दीया यमदेव के लिए दक्षिण दिशा में जलाएं और चार बातियों वाला चौमुखा दीया सरसों के तेल से प्रयोग करें। अन्य दीये घर के विभिन्न कोनों, तुलसी माता और ब्रह्म स्थान पर रखें। यह कार्य सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति का संकेत माना जाता है।

धनतेरस के दिन कुछ चीजों से बचना चाहिए। तेल, प्लास्टिक, काले कपड़े, जूते और कांच के बर्तन खरीदना अशुभ माना जाता है। इन्हें खरीदने से नकारात्मक ऊर्जा और बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।

धनतेरस का यह पर्व केवल धन की वृद्धि का प्रतीक नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख की प्राप्ति का अवसर भी है। शुभ मुहूर्त में पूजा, यम दीप जलाना और उचित खरीदारी करने से पूरे परिवार पर मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की कृपा बनी रहती है।