वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह 2025: कवर्धा वनमंडल में रैली, प्रतियोगिता और वन भ्रमण से दी गई जागरूकता की सीख

वनमंडल कवर्धा में 2 से 8 अक्टूबर 2025 तक वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह के अंतर्गत जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान छपरी ग्राम में रैली, चित्रकला व निबंध प्रतियोगिताएँ तथा चिल्फी परिक्षेत्र में वन भ्रमण जैसे आयोजन किए गए। विद्यार्थियों और ग्रामीणों को "मानव–वन्यजीव सह-अस्तित्व" की थीम पर जागरूक किया गया, जिससे पर्यावरणीय संतुलन और संरक्षण के महत्व को समझाया गया।

Oct 8, 2025 - 17:13
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वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह 2025: कवर्धा वनमंडल में रैली, प्रतियोगिता और वन भ्रमण से दी गई जागरूकता की सीख

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा | वन विभाग द्वारा वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से 2 से 8 अक्टूबर 2025 तक पूरे सप्ताह भर वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह मनाया गया। इस दौरान कवर्धा वनमंडल के विभिन्न परिक्षेत्रों में विविध जनजागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की गईं।

छपरी में रैली और प्रतियोगिताओं से दी गई जानकारी
7 अक्टूबर को ग्राम छपरी स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला और शासकीय प्राथमिक शाला में भोरमदेव अभ्यारण्य के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा जनजागरूकता रैली निकाली गई। इस रैली में विद्यालय के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर ग्रामीणों को वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण का संदेश दिया।


रैली के पश्चात विद्यालय परिसर में चित्रकला एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसका विषय “मानव–वन्यजीव सह-अस्तित्व” था। विद्यार्थियों को बताया गया कि किस प्रकार मानव और वन्यजीव मिलकर इस धरती पर संतुलित जीवन व्यतीत कर सकते हैं। वर्ष 2025 के वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह की थीम भी इसी विषय पर केंद्रित रही।

चिल्फी में आयोजित हुआ वन भ्रमण कार्यक्रम
इसी दिन वन परिक्षेत्र चिल्फी में भी वन भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान परिक्षेत्र अधिकारी, प्रशिक्षु वन क्षेत्रपाल और विभागीय कर्मचारियों ने छात्रों को वन और वन्यजीवों के संरक्षण, उनके पारिस्थितिक महत्व और पर्यावरणीय संतुलन की आवश्यकता के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

संरक्षण के प्रति बढ़ी जागरूकता


पूरे सप्ताह के दौरान कवर्धा वनमंडल में आयोजित जनजागरूकता रैलियाँ, प्रतियोगिताएँ और वन भ्रमण जैसे कार्यक्रमों ने स्थानीय समुदाय और विद्यार्थियों में वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया। इन गतिविधियों ने यह संदेश दिया कि मानव और वन्यजीवों के बीच सह-अस्तित्व ही सतत विकास और पर्यावरणीय संतुलन का मूल आधार है।

वन विभाग का यह प्रयास न केवल भविष्य की पीढ़ियों में संरक्षण की भावना को मजबूत करेगा, बल्कि मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंधों को भी सशक्त बनाएगा।