रजत महोत्सव में महिला एवं बाल विकास विभाग का स्टॉल बना आकर्षण का केंद्र, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने किया महिला समूहों का सम्मान
छत्तीसगढ़ राज्योत्सव रजत महोत्सव में महिला एवं बाल विकास विभाग की स्टॉल आकर्षण का केंद्र रही। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने महिला समूहों का सम्मान किया और विभाग की योजनाओं का अवलोकन किया। स्टॉल में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, महतारी वंदन योजना और पोषण अभियान जैसी योजनाओं की जानकारी दी गई।
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित रजत महोत्सव के अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की स्टॉल आकर्षण का केंद्र बनी रही। विभाग की ओर से लगाई गई इस स्टॉल में महिला सशक्तिकरण, बाल संरक्षण और पोषण संबंधी योजनाओं की जानकारी दी गई। उपमुख्यमंत्री एवं कवर्धा विधायक श्री विजय शर्मा ने स्टॉल का अवलोकन करते हुए विभाग की गतिविधियों की सराहना की और महिला समूहों का सम्मान किया।
उन्होंने छत्तीसगढ़ महिला कोष अंतर्गत जय माँ दुर्गा महिला स्व-सहायता समूह को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता तथा पूर्णिमा यादव, द्रौपदी और चंपालता भाषत को 40-40 हजार रुपये के चेक वितरित किए। इस अवसर पर श्री शर्मा ने रेडी-टू-ईट सामग्री से बने केक को काटकर प्रदेशवासियों को रजत महोत्सव की शुभकामनाएँ दीं।
विभागीय स्टॉल में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नवा बिहान योजना, महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, पोषण अभियान, सखी वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन 181 जैसी योजनाओं की जानकारी दी गई। स्टॉल की प्रमुख आकर्षण रही छत्तीसगढ़ महतारी की भव्य प्रतिमा, जिसकी गोद में एक बालिका की प्रतिमा स्थापित थी। इस सृजनात्मक प्रस्तुति ने “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” का सशक्त संदेश दिया और “सेल्फी जोन” के रूप में लोगों के बीच लोकप्रिय रही।
इसके साथ ही स्टॉल में पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें फरा, चीला, ठेठरी, खुर्मी, अइरसा, तिलगुड़ लड्डू, मुनगा भाजी, खट्टा भाजी जैसे व्यंजन प्रस्तुत किए गए। रेडी-टू-ईट दलिया से बने चीला और भजिया जैसे पोषक व्यंजनों ने आगंतुकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया।
महिला एवं बाल विकास विभाग की यह पहल न केवल महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक रही, बल्कि समाज में लैंगिक समानता, बालिकाओं की शिक्षा और सुरक्षा के प्रति जनजागरूकता फैलाने का एक प्रभावी माध्यम बनी। यह स्टॉल रजत महोत्सव का प्रेरणास्रोत केंद्र बन गया, जहाँ से “हर बेटी सुरक्षित, शिक्षित और सशक्त बने” का संदेश पूरे प्रदेश में प्रसारित हुआ।
