लंबित अपराधों के शीघ्र निपटान और बेहतर पुलिसिंग को लेकर एसपी पंकज चंद्रा ने ली क्राइम मीटिंग
कोण्डागांव में पुलिस अधीक्षक पंकज चंद्रा ने लंबित अपराधों के शीघ्र निकाल, अपराध नियंत्रण और बेहतर पुलिसिंग को लेकर क्राइम मीटिंग ली। उन्होंने थाना प्रभारियों को फरियादियों की शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही और क्षेत्र में कम्यूनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए।
UNITED NEWS OF ASIA. रामकुमार भारद्वाज, कोण्डागांव| जिले में अपराध नियंत्रण और लंबित मामलों के शीघ्र निपटान को लेकर पुलिस अधीक्षक पंकज चंद्रा ने शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय के मीटिंग हाल में एक महत्वपूर्ण क्राइम मीटिंग आयोजित की। बैठक में जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी, थाना और चौकी प्रभारी मौजूद रहे।
एसपी पंकज चंद्रा ने बैठक के दौरान जिले में लंबित अपराधों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों से संबंधित मामलों, गुम इंसान और मर्ग प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने थाना प्रभारियों को लंबित मामलों के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए। जिन मामलों में आरोपी अन्य राज्यों में छिपे हैं, वहां टीम रवाना कर गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए।
एसपी ने कहा कि थाना क्षेत्र में पुलिस की उपस्थिति और जनसंपर्क बढ़ाने के लिए कम्यूनिटी पुलिसिंग को प्राथमिकता दी जाए। थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया कि वे नियमित रूप से लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनें और चलित थाना के माध्यम से नशामुक्ति, महिला सुरक्षा, सायबर क्राइम, बैंक फ्रॉड और यातायात नियमों पर जनजागरूकता अभियान चलाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि थाना में आने वाले फरियादियों से मित्रवत व्यवहार किया जाए और उनकी शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित हो। जनता और पुलिस के बीच बेहतर संबंध स्थापित करने के लिए अधिकारी संवेदनशीलता के साथ कार्य करें।
धान खरीदी प्रारंभ होने के मद्देनज़र एसपी ने सरहदी थाना क्षेत्रों में चेकपोस्ट बनाकर अवैध धान परिवहन की रोकथाम के निर्देश दिए। साथ ही, अवैध शराब, जुआ-सट्टा और आपराधिक गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने को कहा गया।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कौशलेन्द्र देव पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नक्सल) रूपेश कुमार डाण्डे, उप पुलिस अधीक्षक के.पी. मरकाम सहित सभी राजपत्रित अधिकारी और थाना प्रभारी उपस्थित रहे।
एसपी चंद्रा ने बैठक के अंत में कहा कि “अच्छी पुलिसिंग का अर्थ केवल अपराध रोकना नहीं, बल्कि जनता के विश्वास को मजबूत बनाना है। हर थाना प्रभारी का लक्ष्य यही होना चाहिए कि लोग पुलिस को अपना सहयोगी समझें, डर नहीं।”
