जोबट में 12 नवम्बर को होगा आदिवासी अधिकारों के लिए विशाल जनआंदोलन, जल-जंगल-जमीन की रक्षा का संकल्प
अलीराजपुर जिले के जोबट में 12 नवम्बर को आदिवासी विकास परिषद द्वारा विशाल जनआंदोलन का आयोजन किया जाएगा। परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश पटेल ने कहा कि यह आंदोलन जल, जंगल और जमीन की रक्षा तथा आदिवासी अस्मिता के सम्मान का प्रतीक होगा। कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति रहेगी।
UNITED NEWS OF ASIA. मुस्तकीम मुग़ल, जोबट। अलीराजपुर जिले के जोबट में 12 नवम्बर को आदिवासी विकास परिषद के बैनर तले एक विशाल जनआंदोलन आयोजित किया जाएगा। यह आंदोलन “जल, जंगल और जमीन” की रक्षा तथा आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारों की पुनः स्थापना के उद्देश्य से किया जा रहा है।
इस संबंध में परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश पटेल ने जोबट के मंगलम होटल में संगठन पदाधिकारियों की बैठक लेकर आंदोलन की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में ब्लॉक स्तर के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। महेश पटेल ने कहा कि यह सिर्फ आंदोलन नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता और अस्तित्व की रक्षा का निर्णायक संघर्ष है। उन्होंने कहा, “अब आदिवासी समाज अपनी ज़मीन, जल और जंगल नहीं छोड़ेगा। यह हमारा अधिकार है और हम इसके लिए संगठित होकर खड़े हैं।”
बैठक में आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा, जनसंपर्क अभियान और संगठनात्मक जिम्मेदारियों पर विस्तार से चर्चा की गई। श्री पटेल ने कार्यकर्ताओं से गांव-गांव जाकर लोगों को आंदोलन के उद्देश्य से जोड़ने का आह्वान किया।
इस मौके पर युवा कांग्रेस के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों विधानसभा अध्यक्ष लवकेश (लक्की) राठौर, जोबट ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश देवका, और उदयगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष राजू देहदिया का सम्मान भी किया गया। परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश पटेल ने उन्हें फूल-मालाओं से स्वागत कर बधाई दी। कार्यकर्ताओं ने आतिशबाज़ी और नारों के साथ उत्साहपूर्वक स्वागत किया।
12 नवम्बर को ग्राम डाबड़ी में होने वाले इस ऐतिहासिक जनआंदोलन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व मंत्री एवं कुक्षी विधायक सुरेंद्र सिंह (हनी) बघेल, जोबट विधायक श्रीमती सेना महेश पटेल सहित अनेक वरिष्ठ आदिवासी नेता और संगठन पदाधिकारी शामिल होंगे।
महेश पटेल ने कहा कि यह आंदोलन “आदिवासी हक और हकूक की पुनर्स्थापना का संघर्ष” है। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि 12 नवम्बर को ग्राम डाबड़ी पहुंचकर इस ऐतिहासिक आंदोलन को सफल बनाएं और आदिवासी स्वाभिमान को नई दिशा दें।
