कांकेर में ‘पूना मारगेम’ अभियान की बड़ी सफलता — 21 माओवादी मुख्यधारा में लौटे, 18 हथियार किए आत्मसमर्पित

कांकेर जिले में चलाए जा रहे ‘पूना मारगेम’ अभियान के तहत 21 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी की। जंगलवार कॉलेज सिंगारभाट में आयोजित कार्यक्रम में आईजी बस्तर सुंदरराज पी. ने आत्मसमर्पित माओवादियों को संविधान की प्रति भेंट की। सभी ने 18 आधुनिक हथियार जमा किए। शासन की पुनर्वास नीति के तहत उन्हें रोजगार, प्रशिक्षण और आवास योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।

Oct 29, 2025 - 15:31
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कांकेर में ‘पूना मारगेम’ अभियान की बड़ी सफलता — 21 माओवादी मुख्यधारा में लौटे, 18 हथियार किए आत्मसमर्पित

UNITED NEWS OF ASIA. राजेंद्र मंडावी, कांकेर। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित ‘पूना मारगेम’ अभियान (अर्थात् सही रास्ते पर लौटो) के तहत कांकेर जिले में एक बार फिर लोकतंत्र की जीत दर्ज हुई है। जिले के विभिन्न इलाकों में सक्रिय 21 माओवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है।

यह आत्मसमर्पण कार्यक्रम जंगलवार कॉलेज सिंगारभाट में आयोजित किया गया, जहाँ बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने सभी आत्मसमर्पित माओवादियों को भारतीय संविधान की प्रति भेंट की और उन्हें लोकतंत्र में आस्था रखने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “हिंसा कभी समाधान नहीं हो सकती, विकास और संवाद ही वास्तविक परिवर्तन का मार्ग हैं।”

कार्यक्रम में कांकेर कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर, एसएसपी इंदिरा कल्याण एलेसेला, कोंडागांव एसपी अक्षय कुमार, सुरक्षा बलों के अधिकारी और कई स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। आत्मसमर्पित माओवादियों ने अपने पास से 18 हथियार — जिनमें ए.के.-47, एसएलआर, इंसास, थ्री-नॉट-थ्री, 315 बोर, सिंगल शॉट राइफल और बीएलजी शामिल थे — शासन को सौंपे।

लोकतंत्र की राह पर लौटे युवा
शासन की ‘पूना मारगेम’ नीति के तहत हिंसा का रास्ता छोड़ने वालों को पुनर्वास, रोजगार और आवास सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। अब तक जिले में 13 पूर्व माओवादियों को शासकीय सेवा में नियुक्ति दी जा चुकी है, वहीं 36 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है। प्रशासन ऐसे युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और स्वरोजगार कार्यक्रमों से भी जोड़ रहा है, ताकि वे आत्मनिर्भर जीवन जी सकें।

सामाजिक समरसता की ओर कदम
इस अवसर पर आदिवासी समाज के गायता-मांझी प्रतिनिधियों ने भी आत्मसमर्पित युवाओं को पुष्प भेंट कर सम्मानित किया और कहा कि “अब समय विकास और शिक्षा का है, न कि हिंसा का।”

कांकेर जिले में यह सामूहिक आत्मसमर्पण घटना शासन की नक्सल उन्मूलन रणनीति की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मानी जा रही है। यह न केवल लोकतंत्र में बढ़ते विश्वास का संकेत है, बल्कि बस्तर अंचल में शांति और विकास की नई शुरुआत का प्रतीक भी बन गई है।

(ब्यूरोचीफ: राजेन्द्र मंडावी |