पलूशन बना ‘साइलेंट किलर’: दिल्ली में तीन बड़े कैंसर तेजी से बढ़े, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े चौंकाने वाले

दिल्ली में प्रदूषण और जीवनशैली से जुड़े कारणों के बीच कैंसर के मामलों में तेज़ वृद्धि दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के 2023 से 2025 के आंकड़ों के अनुसार ओरल कैंसर, फेफड़ों का कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर तेजी से बढ़े हैं, जबकि सर्वाइकल कैंसर में मामूली गिरावट देखी गई है।

Dec 17, 2025 - 14:22
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पलूशन बना ‘साइलेंट किलर’: दिल्ली में तीन बड़े कैंसर तेजी से बढ़े, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े चौंकाने वाले

 UNITED NEWS OF ASIA. दिल्ली में लगातार बिगड़ते प्रदूषण और बदलती जीवनशैली के बीच कैंसर एक “साइलेंट किलर” के रूप में उभर रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संसद में दिए गए लिखित उत्तर में 2023 से 2025 के बीच राजधानी में कैंसर के मामलों के जो आंकड़े सामने आए हैं, वे बेहद चिंताजनक हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में ओरल कैंसर (मुंह का कैंसर) के मामलों में साल-दर-साल औसतन 5.1% की सबसे तेज़ वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि फेफड़ों के कैंसर के मामलों में भी लगभग 4.9% की बढ़ोतरी हुई है।

महिलाओं में फेफड़ों के कैंसर के मामलों में उल्लेखनीय उछाल देखा गया है। वर्ष 2023 में जहां इसके 604 मामले थे, वहीं 2024 में यह संख्या 644 और 2025 में बढ़कर 686 हो गई। यानी लगभग 6.5% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई। दूसरी ओर, पुरुषों में ओरल कैंसर सबसे तेजी से बढ़ने वाला कैंसर बनकर सामने आया है। पुरुषों में इसके मामले 2023 में 2,429 थे, जो 2024 में 2,569 और 2025 में 2,717 तक पहुंच गए—करीब 5.8% की वृद्धि

संख्या के लिहाज से देखें तो स्तन कैंसर अभी भी दिल्ली में सबसे आम कैंसर बना हुआ है। राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के अनुमान बताते हैं कि इसके मामले 2023 में 3,198, 2024 में 3,260 और 2025 में 3,321 दर्ज किए गए। वहीं, ओरल कैंसर अब दिल्ली में कुल मिलाकर दूसरा सबसे आम कैंसर बन गया है। पुरुष और महिलाओं को मिलाकर इसके कुल मामले 2023 में 2,901, 2024 में 3,051 और 2025 में 3,208 तक पहुंच गए।

हालांकि, इन बढ़ते आंकड़ों के बीच सर्वाइकल कैंसर ने एक अलग रुझान दिखाया है। महिलाओं में इसके मामलों में हल्की गिरावट दर्ज की गई है—2023 में 741, 2024 में 716 और 2025 में 692 मामले, यानी लगभग 3.4% की सालाना कमी। इसके विपरीत, पुरुषों में फेफड़ों और प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि दिल्ली में कैंसर की आयु-समायोजित घटना दर (AAIR) देश के कई बड़े शहरों से अधिक है। 2015 से 2019 के बीच यह दर पुरुषों में 146.7 और महिलाओं में 132.5 प्रति एक लाख जनसंख्या रही। विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में AIIMS और राजीव गांधी कैंसर संस्थान जैसे बड़े तृतीयक अस्पतालों की मौजूदगी के कारण देशभर से मरीज यहां आते हैं, जिससे राजधानी में दर्ज मामलों की संख्या और उपचार का बोझ दोनों बढ़ जाता है।