बाइसन के बाद तेंदुए का शिकार! कबीरधाम के जंगल में मिली तेंदुए की सड़ी-गली लाश, वन विभाग में हड़कंप
कबीरधाम जिले में लगातार वन्यजीवों की मौत से सनसनी फैल गई है। मोतीनपुर–बोटेसूर जंगल में एक सप्ताह पुरानी तेंदुए की सड़ी-गली लाश मिली है। करंट से शिकार की आशंका पर एक आरोपी गिरफ्तार, बीट गार्ड निलंबित।
UNITED NEWS OF ASIA. छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में वन्यजीवों की लगातार हो रही मौतों ने वन विभाग और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। बाइसन की संदिग्ध मौत के बाद अब जंगल में एक तेंदुए की सड़ी-गली लाश मिलने से हड़कंप मच गया है। यह ताजा मामला मोतीनपुर और बोटेसूर गांव के बीच स्थित जंगल क्षेत्र का है, जहां ग्रामीणों ने दुर्गंध आने पर वन विभाग को सूचना दी थी।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार मृत तेंदुए का शव करीब एक सप्ताह पुराना बताया जा रहा है। शव की हालत बेहद खराब थी, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि तेंदुए का शिकार करंट लगाकर किया गया है। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम, जंगल सफारी की डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक जांच दल मौके पर पहुंचा और साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया शुरू की गई।
जांच के दौरान वन विभाग ने मोतीनपुर निवासी बिशु साहू को हिरासत में लिया है। आरोपी के घर की तलाशी लेने पर जीआई तार बरामद किया गया, जिसका उपयोग करंट बिछाने में किए जाने की आशंका है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। वहीं लापरवाही बरतने के आरोप में संबंधित बीट गार्ड को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह पूरा मामला लोहारा रेंज के मोतीनपुर बीट क्षेत्र अंतर्गत का बताया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार को भोरमदेव अभ्यारण्य अंतर्गत जामपानी क्षेत्र में करंट की चपेट में आने से दो बाइसन की मौत हो गई थी। उस घटना में भी शिकारियों द्वारा जानबूझकर करंट बिछाकर शिकार किए जाने की आशंका जताई गई थी। यह मामला बोड़ला विकासखंड के कवर्धा बीट का है, जहां वन विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है।
लगातार सामने आ रही इन घटनाओं ने वन्यजीव संरक्षण और वन विभाग की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। तेंदुए और बाइसन जैसे संरक्षित वन्यजीवों की मौत न केवल पर्यावरण संतुलन के लिए खतरा है, बल्कि यह संगठित अवैध शिकार गिरोह की सक्रियता की ओर भी इशारा करता है।
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त और निगरानी को और मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं।