सहायक शिक्षक फेडरेशन ने खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन, पदोन्नति प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की मांग
पखांजूर में सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने खंड शिक्षा अधिकारी कोयलीबेड़ा को ज्ञापन सौंपा और सहायक शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की मांग की। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वरिष्ठता सूची नियमों के अनुरूप प्रकाशित कर पदोन्नति प्रक्रिया जल्द प्रारंभ की जाएगी।
UNITED NEWS OF ASIA. राजेन्द्र मंडावी, कांकेर। पखांजूर में सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को खंड शिक्षा अधिकारी कोयलीबेड़ा श्री देब कुमार शील से मुलाकात कर सहायक शिक्षकों की लंबित पदोन्नति प्रक्रिया को शीघ्र प्रारंभ करने की मांग की। फेडरेशन ने ज्ञापन सौंपकर कहा कि कई वर्षों से सहायक शिक्षक संवर्ग के पदोन्नति मामलों में देरी हो रही है, जिससे शिक्षकों में असंतोष व्याप्त है।
फेडरेशन के ब्लॉक अध्यक्ष राजकुमार साक्षी ने बताया कि विकासखंड स्तर पर पदोन्नति प्रक्रिया शुरू नहीं होने से अनेक योग्य शिक्षकों को उनके अधिकार से वंचित रहना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 2025 तक के रिक्त प्रधान पाठक पदों की जानकारी शीघ्र उपलब्ध कराई जाए ताकि अधिक से अधिक सहायक शिक्षकों को पदोन्नति का अवसर मिल सके।
उन्होंने यह भी मांग की कि वरिष्ठता सूची जल्द से जल्द जारी की जाए और पदोन्नति प्रक्रिया को नियमों के अनुरूप प्रारंभ किया जाए, जिससे विद्यालयों में प्रधान पाठक के रिक्त पदों को भरा जा सके। इससे न केवल शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि शिक्षण व्यवस्था में भी सुधार आएगा।
खंड शिक्षा अधिकारी देब कुमार शील ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार वरिष्ठता सूची का प्रकाशन शीघ्र किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पदोन्नति प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाएगी और योग्य शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
इस अवसर पर फेडरेशन के ब्लॉक अध्यक्ष राजकुमार साक्षी, कार्यकारी अध्यक्ष लालमन पटेल, सचिव अशोक कुमार उर्वशा, कोषाध्यक्ष महेश सर्फे, संगठन मंत्री धरमदास जोशी, संयोजक रतिराम ठाकुर, सुश्री रीना तारम, अनिल शोरी, मनीष ठाकुर और ताम्रध्वज झूलेकर सहित बड़ी संख्या में सहायक शिक्षक मौजूद रहे।
कार्यक्रम के अंत में फेडरेशन प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि मांगों पर शीघ्र कार्यवाही नहीं की गई तो संगठन व्यापक आंदोलन की रणनीति तैयार करेगा। प्रतिनिधिमंडल की यह पहल शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए एक सार्थक कदम माना जा रहा है।
