पीएम स्वामी आत्मानंद विद्यालय में सॉइल हेल्थ जागरूकता कार्यक्रम, विशेषज्ञों ने दी उर्वरक संतुलन व मिट्टी संरक्षण की सीख
भानुप्रतापपुर के पीएम स्वामी आत्मानंद विद्यालय में सॉइल हेल्थ जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें कृषि विशेषज्ञों ने मिट्टी परीक्षण, संतुलित उर्वरक उपयोग, जैविक खाद, पराली प्रबंधन और टिकाऊ खेती के उपायों पर विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारी दी।
UNITED NEWS OF ASIA.श्रीदाम डाली, भानुप्रतापपुर। पीएम स्वामी आत्मानंद विद्यालय भानुप्रतापपुर में 10 दिसंबर को सॉइल हेल्थ जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में मिट्टी संरक्षण, टिकाऊ कृषि और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की समझ विकसित करना था। इस एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन विद्यालय के प्राचार्य पी. आर. भारद्वाज और शाला प्रबंधन विकास समिति के अध्यक्ष नरोत्तम सिंह चौहान के संयुक्त प्रयासों से किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से कृषि विभाग के वरिष्ठ एवं अनुभवी अधिकारियों ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को मिट्टी स्वास्थ्य और कृषि संबंधित वैज्ञानिक पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी। वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी महात्मा तरेता ने विभागीय योजनाओं की जानकारी साझा करते हुए किसानों और विद्यार्थियों को पराली न जलाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता कम होती है और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचता है। इसलिए जैविक खाद और आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है।
ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी राकेश कुमार शोरी ने विद्यार्थियों को मिट्टी का नमूना लेने की प्रक्रिया, उससे संबंधित सावधानियाँ और वैज्ञानिक महत्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने समझाया कि सही तरीके से लिया गया मिट्टी का नमूना ही सटीक परीक्षण और उर्वरक प्रबंधन का आधार होता है। विद्यार्थियों को सॉइल हेल्थ कार्ड के महत्व का भी विस्तृत परिचय कराया गया, जिसमें मिट्टी में पोषक तत्वों की स्थिति, उर्वरक आवश्यकता और सुधार के उपाय बताए जाते हैं।
कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने संतुलित उर्वरक उपयोग, जैविक खाद के प्रयोग, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की भूमिका, और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के शास्त्रीय उपायों पर भी चर्चा की। उन्होंने छात्रों को बताया कि मिट्टी का स्वास्थ्य सीधे फसल उत्पादन, पर्यावरण संरक्षण और कृषि की स्थिरता से जुड़ा है, इसलिए स्कूल स्तर पर जागरूकता से भविष्य में बेहतर कृषि प्रथाओं को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर एक्सटेंशन रिफॉर्म (आत्मा) योजना से राधेलाल देवांगन (बी.टी.एम.), अमृता ध्रुव (असिस्टेंट टेक्नोलॉजी मैनेजर) और भूपेंद्र कुमार गंगासागर (सहायक ग्रेड-3) उपस्थित रहे। विद्यालय की ओर से नोडल व्याख्याता कमलेश विनायक, एल.एस. गौतम, एस.के. नरवास, एन.जी. पॉल सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे। कार्यक्रम उत्साहपूर्ण और ज्ञानवर्धक वातावरण में संपन्न हुआ।