122 साल बाद दुर्लभ संयोग: 21 सितंबर को लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, भारत में नहीं दिखेगा

21 सितंबर 2025 को साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। 122 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि ग्रहण से ही पितृपक्ष की शुरुआत और समापन होगा।

Sep 21, 2025 - 19:44
 0  17
122 साल बाद दुर्लभ संयोग: 21 सितंबर को लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, भारत में नहीं दिखेगा

UNITED NEWS OF ASIA. पंडित सुधांशु तिवारी। साल 2025 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात्रि में लगने जा रहा है। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर महसूस होगा। इस दुर्लभ घटना को लेकर देश और दुनिया के ज्योतिष विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यह ग्रहण कई संकट और प्राकृतिक आपदाओं का संकेत दे सकता है।

ग्रहण का समय और स्थान:
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर रात 10:59 बजे से 22 सितंबर सुबह 3:23 बजे तक रहेगा। यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में होगा। मुख्य रूप से दक्षिणी प्रशांत महासागर, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।

सूतक काल और सावधानियां:
चूंकि ग्रहण रात में लग रहा है, भारत में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। फिर भी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान सतर्कता बरतना शुभ माना जाता है। सूतक काल 21 सितंबर सुबह 11 बजे से शुरू होगा और 22 सितंबर की सुबह ग्रहण समाप्त होने तक रहेगा।

अशुभ प्रभाव और राशियों पर असर:
ज्योतिषाचार्य आचार्य पंडित सुधांशु तिवारी और प्रतीक भट्ट के अनुसार, 15 दिनों में 2 ग्रहण लगना दुर्लभ घटना है। इससे विशेषकर वृषभ, कर्क, कन्या, धनु, मकर और कुंभ राशियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

इतिहास में संदर्भ:
122 साल पहले, साल 1903 में भी ऐसा संयोग बना था। उस समय देश में बंगाल विभाजन, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन और अंग्रेजों की नींव मजबूत होने जैसी घटनाएं घटी थीं।

धार्मिक और सामाजिक सलाह:
ग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र और सूर्य मंत्र का जप करने से नकारात्मक प्रभाव कम करने में मदद मिलती है। 15 दिनों में 2 ग्रहण सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी चुनौतीपूर्ण माने जाते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रहण का प्रभाव देश-दुनिया में तनाव, युद्ध और आर्थिक अस्थिरता जैसी स्थितियों में दिखाई दे सकता है।