भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते निर्माण कार्य: चहेते तकनीकी सहायक पर मेहरबानी से उठे सवाल, जिला पंचायत कोरिया कटघरे में

जिला पंचायत कोरिया में निर्माण कार्यों को लेकर गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। नियमों को दरकिनार कर बिना निविदा प्रक्रिया के कार्य सौंपे जाने और एक ही तकनीकी सहायक को बार-बार जिम्मेदारी देने से प्रशासनिक मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। यदि निष्पक्ष जांच हुई तो बड़े घोटाले का खुलासा संभव है।

Dec 15, 2025 - 17:17
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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते निर्माण कार्य: चहेते तकनीकी सहायक पर मेहरबानी से उठे सवाल, जिला पंचायत कोरिया कटघरे में

UNITED NEWS OF ASIA. प्रदीप पाटकर, कोरिया। जिला पंचायत कोरिया में इन दिनों निर्माण कार्यों को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में संचालित कई विकास कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं। आरोप है कि जिला प्रशासन द्वारा नियमों को ताक पर रखकर चहेते अधिकारियों और कर्मचारियों को खुली छूट दी जा रही है।

बिना निविदा के चहेतों को कार्य सौंपने का आरोप

सूत्रों के मुताबिक, जिला प्रशासन ने नियमों को दरकिनार करते हुए ग्राम पंचायतों को कार्य एजेंसी बनाकर बिना विधिवत निविदा प्रक्रिया (Tender Process) अपनाए निर्माण कार्य आवंटित किए हैं। जानकारों का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता के खिलाफ है और इससे सरकारी धन के दुरुपयोग की आशंका बढ़ जाती है।

आरोप यह भी है कि अधिकारियों ने अपने करीबी लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इस व्यवस्था को अपनाया, जिससे पूरे विकास तंत्र पर सवाल खड़े हो गए हैं।

एक ही तकनीकी सहायक पर क्यों है इतनी मेहरबानी?

इस पूरे मामले में तकनीकी सहायक अरविंद सोनी का नाम सबसे अधिक चर्चा में है। जिले की कई ग्राम पंचायतों में चल रहे निर्माण कार्यों के पर्यवेक्षण (Supervision) की जिम्मेदारी बार-बार उन्हीं को सौंपी जा रही है।

हालांकि अरविंद सोनी के पास इंजीनियरिंग से संबंधित प्रमाणपत्र मौजूद हैं, लेकिन सवाल उनकी योग्यता पर नहीं बल्कि प्रशासनिक निर्णय प्रक्रिया पर उठ रहे हैं।

  • आखिर जिले में उपलब्ध अन्य तकनीकी कर्मियों को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है?

  • क्या यह महज संयोग है या फिर किसी प्रकार का संरक्षण?

सूत्रों का दावा है कि आला अधिकारियों के संरक्षण के चलते ही एक ही व्यक्ति को अधिकांश कार्यों की जिम्मेदारी दी जा रही है।

निर्माण गुणवत्ता पर भी उठे सवाल

ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे इन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर भी अब सवालिया निशान लगने लगे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, कई जगहों पर कार्य की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है, लेकिन निरीक्षण रिपोर्ट में सब कुछ सही दर्शाया जा रहा है।

चर्चा है कि पारदर्शिता के अभाव में किए जा रहे इन कार्यों ने ‘विकास’ को केवल कागजी औपचारिकता बनाकर रख दिया है।

उच्च स्तरीय जांच की मांग

यदि इन निर्माण कार्यों की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराई जाती है, तो बड़े स्तर पर वित्तीय अनियमितताओं और प्रशासनिक मिलीभगत का खुलासा हो सकता है। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इन आरोपों पर क्या रुख अपनाता है और क्या जिम्मेदारों पर कार्रवाई होती है या मामला फाइलों में ही दबकर रह जाएगा।