वेटलिफ्टर ज्ञानेश्वरी यादव और तीरंदाज चांदनी साहू को मिला राज्य खेल अलंकरण सम्मान
छत्तीसगढ़ की दो उभरती खिलाड़ी—वेटलिफ्टर सुश्री ज्ञानेश्वरी यादव और तीरंदाज सुश्री चांदनी साहू—को राज्य खेल अलंकरण से सम्मानित किया गया। ज्ञानेश्वरी को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने पर गुंडाधुर सम्मान मिला, जबकि चांदनी को राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव सम्मान से नवाजा गया।
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। छत्तीसगढ़ की बेटियों ने एक बार फिर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। राज्य अलंकरण समारोह में वेटलिफ्टर ज्ञानेश्वरी यादव और तीरंदाज सुश्री चांदनी साहू को वर्ष 2025 का राज्य खेल अलंकरण प्रदान किया गया। उप राष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने ज्ञानेश्वरी यादव को गुंडाधुर सम्मान और चांदनी साहू को महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव सम्मान से सम्मानित किया।
राजनांदगांव जिले के भोड़िया गांव की रहने वाली 22 वर्षीय ज्ञानेश्वरी यादव ने दिसंबर 2024 में बहरीन के मनामा में आयोजित वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, जहाँ वे पांचवें स्थान पर रहीं। ज्ञानेश्वरी का यह प्रदर्शन छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है और राज्य में महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी।
वहीं महासमुंद जिले के बागबहरा की 15 वर्षीय चांदनी साहू ने जनवरी-फरवरी 2025 में उत्तराखंड में संपन्न 38वें नेशनल गेम्स में छत्तीसगढ़ को रजत पदक दिलाया था। इसके अलावा उन्होंने सीनियर राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता (जमशेदपुर) में टीम इवेंट में भी रजत पदक जीता और जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता (भोलपुर, पश्चिम बंगाल) में राज्य का प्रतिनिधित्व किया।
उप मुख्यमंत्री एवं खेल मंत्री श्री अरुण साव ने दोनों खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि ये सम्मान न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि हैं, बल्कि यह प्रदेश की उभरती खेल प्रतिभाओं का परिचायक हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खिलाड़ियों को हर संभव संसाधन और प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
राज्य शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रतिवर्ष उत्कृष्ट खिलाड़ियों को गुंडाधुर सम्मान और महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव सम्मान प्रदान किया जाता है। ये सम्मान उन खिलाड़ियों को दिए जाते हैं जिन्होंने राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की हो और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया हो।
ज्ञानेश्वरी यादव और चांदनी साहू दोनों ने अपनी मेहनत, समर्पण और अनुशासन से यह सिद्ध किया है कि छत्तीसगढ़ की बेटियाँ अब राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर भी अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रही हैं।
