डोंगरगढ़ में जल संकट गहराया: 15 दिनों से सूखे नल, नगर पालिका की लापरवाही से बढ़ी जनता की परेशानी

डोंगरगढ़ के टिकरापारा क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से पानी की आपूर्ति बंद है। नगर पालिका की लापरवाही और मोटर मरम्मत में भुगतान विवाद के चलते नल सूखे पड़े हैं। नागरिकों ने कई बार शिकायत की, मगर कार्रवाई नहीं हुई। वार्ड पार्षद ने चेतावनी दी कि जल्द समाधान नहीं मिला तो जनता सड़कों पर उतरेगी।

Nov 3, 2025 - 13:34
 0  5
डोंगरगढ़ में जल संकट गहराया: 15 दिनों से सूखे नल,  नगर पालिका की लापरवाही से बढ़ी जनता की परेशानी

UNITED NEWS OF ASIA.  डोंगरगढ़। शहर में पानी को लेकर संकट गहराता जा रहा है। भारी बारिश के बावजूद डोंगरगढ़ के टिकरापारा वार्ड क्रमांक 3 में पिछले पंद्रह दिनों से नल सूखे पड़े हैं, जिससे लोगों का जीवन कठिन हो गया है। नागरिक हर सुबह पानी की उम्मीद में खाली बाल्टियां लेकर लौट रहे हैं, लेकिन नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही ने स्थिति को गंभीर बना दिया है।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि समस्या की जानकारी बार-बार नगर पालिका तक पहुंचाई गई, परंतु कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया और न ही सुधारात्मक कदम उठाए गए। इस बीच, क्षेत्र की महिलाएं दूर-दराज के इलाकों से पानी ढोने को मजबूर हैं।

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, नगर पालिका द्वारा पानी आपूर्ति के लिए उपयोग की जाने वाली मोटरों की मरम्मत का भुगतान संबंधित दुकानदार को नहीं किया गया है, जिसके कारण मोटरें खराब पड़ी हैं और जल आपूर्ति पूरी तरह से ठप है।

वार्ड पार्षद के. विनायक राव ने बताया कि उन्होंने कई बार अधिकारियों और मुख्य नगर पालिका अधिकारी खिरोद भोई को समस्या से अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा —

“जनता की बुनियादी जरूरत पानी से खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं होगा। अधिकारी वादे तो बहुत करते हैं, मगर धरातल पर स्थिति जस की तस है।”

पार्षद ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही पानी की आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो जनता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर होगी।

डोंगरगढ़ के नागरिकों ने भी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि अधिकारी और कुछ जनप्रतिनिधि पानी जैसी आवश्यक समस्या की अनदेखी कर कमीशनखोरी और राजनीति में व्यस्त हैं। शहर के कई हिस्सों में जल संकट के कारण लोग टैंकरों और निजी बोरिंग पर निर्भर हैं।

नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की चुप्पी उनके गुस्से को और बढ़ा रही है। एक स्थानीय महिला ने कहा —

“अब हमें भाषण नहीं, पानी चाहिए। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई परेशान है।”

डोंगरगढ़ में यह जल संकट नगर पालिका की कार्यप्रणाली और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यदि जल्द ही जल आपूर्ति व्यवस्था सुधारी नहीं गई, तो यह संकट जनाक्रोश का रूप ले सकता है।