ठेकेदार की लापरवाही से मासूम की मौत, एक सप्ताह बाद भी नगर पालिका की चुप्पी बरकरार

कोण्डागांव के कोपाबेड़ा नहरपारा में खुले गड्ढे में गिरकर चार वर्षीय मासूम की मौत के बाद भी नगर पालिका ने अब तक कोई नोटिस जारी नहीं किया। ठेकेदार की लापरवाही व पेटी कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम पर गंभीर सवाल, परिजन न्याय की मांग पर अड़े।

Dec 5, 2025 - 18:51
Dec 5, 2025 - 18:53
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ठेकेदार की लापरवाही से मासूम की मौत, एक सप्ताह बाद भी नगर पालिका की चुप्पी बरकरार

 UNITED NEWS OF  ASIA. रामकुमार भारद्वाज, कोण्डागांव | नगर पालिका क्षेत्र के कोपाबेड़ा नहरपारा में सौंदर्यीकरण कार्य के दौरान ठेकेदार की कथित लापरवाही एक परिवार पर भारी पड़ गई जहां 29 नवंबर को मनोज देव की चार वर्षीय इकलौती बेटी मिस्टी उर्फ इशिका की मौत उस खुले गड्ढे में डूबने से हो गई जिसे नहर तालाब सौंदर्यीकरण के दौरान खोदा गया था और काम बंद होने के बाद महीनों तक बिना भरे ही छोड़ दिया गया था।

परिजनों का आरोप है कि नगर पालिका और ठेकेदार की लापरवाही से यह हादसा हुआ क्योंकि न तो गड्ढा भरा गया और न कोई सुरक्षा घेरा लगाया गया जिससे बरसात में गड्ढा पानी से भरकर जानलेवा हो गया। 29 नवंबर की सुबह बच्ची को आखिरी बार गड्ढे के पास खेलते देखा गया और कुछ देर बाद खोजबीन के दौरान गड्ढे में उसका मफलर दिखाई दिया

 जिसके बाद चाचा मानिक देव ने पानी में उतरकर उसे बाहर निकाला मगर जिला अस्पताल ले जाते ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना के एक सप्ताह बाद भी नगर पालिका द्वारा कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है जबकि सीएमओ दिनेश डे ने केवल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिलने और ठेकेदार से मौखिक पूछताछ की बात कही है। नहरपारा तालाब सौंदर्यीकरण का यह कार्य लगभग 3.50 करोड़ रुपये का है जिसका मुख्य ठेका उत्तम कुमार जैन को मिला था

लेकिन पूरा काम पूर्व भाजपा पार्षद अंकुश जैन के पास पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर होने का खुलासा हुआ है और स्थानीय लोगों का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते अब तक किसी पर कार्रवाई नहीं हुई। फिलहाल सिटी कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है और अब सभी की नजर इस बात पर है कि जिम्मेदारी मुख्य ठेकेदार, पेटी कॉन्ट्रैक्टर या नगर पालिका में से किस पर तय होगी और क्या मासूम की मौत के बाद न्याय मिल पाएगा।