छत्तीसगढ़ रजत जयंती ज्ञान महोत्सव: एमएआईसी में पुस्तक प्रदर्शनी में उमड़ा छात्रों का उत्साह
छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष पर रायपुर स्थित महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज में आयोजित पुस्तक प्रदर्शनी में छात्रों और पुस्तक प्रेमियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रदर्शनी में सैकड़ों नवीनतम विषयों की किताबें उपलब्ध कराई गईं और प्रकाशकों से सीधा संवाद भी हुआ।

UNITED NEWS OF ASIA. हसीब अख्तर, रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती अवसर पर आयोजित “ज्ञान महोत्सव” के तहत महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज (एमएआईसी) रायपुर में 25 सितंबर 2025 को एक भव्य पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य छात्रों और पुस्तक प्रेमियों को विविध विषयों की नवीनतम एवं महत्वपूर्ण पुस्तकों से परिचित कराना और पढ़ने की संस्कृति को प्रोत्साहित करना था।
शुभारंभ हुआ गरिमामय उपस्थिति में
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के चेयरमैन आदरणीय रमेश अग्रवाल, पूर्व चेयरमैन आदरणीय राजेश अग्रवाल, प्राचार्य डॉ. जासमीन जोशी और उप-प्राचार्य डॉ. श्वेता तिवारी के करकमलों द्वारा किया गया।
प्रमुख प्रकाशकों की मौजूदगी बनी आकर्षण का केंद्र
प्रदर्शनी में राज्य के कई प्रतिष्ठित प्रकाशकों ने हिस्सा लिया, जिनमें सेंट्रल बुक हाउस, राजीव कुमार पब्लिकेशन्स, कुशल बुक हाउस, गीता फाउंडेशन और ठच्क् पब्लिकेशन्स जैसे नाम विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
हर विषय पर पुस्तकें – हर पाठक के लिए ज्ञान का खजाना
स्टॉल्स पर साहित्य, प्रबंधन, विज्ञान, वाणिज्य, कंप्यूटर, प्रौद्योगिकी, गीता-वेदांत, प्रतियोगी परीक्षाओं और प्रेरक विषयों पर आधारित नवीनतम पुस्तकें प्रदर्शित की गईं। छात्रों, संकाय सदस्यों और अन्य आगंतुकों ने न केवल पुस्तकों का अवलोकन किया, बल्कि अपनी पसंदीदा किताबें खरीदीं और प्रकाशकों से सीधा संवाद कर नई जानकारियाँ भी प्राप्त कीं।
प्राचार्य का संदेश: पढ़ने की आदत को दें नया जीवन
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. जासमीन जोशी ने कहा,
“इस तरह की पुस्तक प्रदर्शनी न केवल ज्ञानवर्धन करती हैं, बल्कि पढ़ने की आदत को भी मजबूत करती हैं। यह विद्यार्थियों के लिए ज्ञान का उत्सव और पुस्तक प्रेमियों के लिए यादगार अवसर है।”
एमएआईसी रायपुर में आयोजित यह पुस्तक प्रदर्शनी छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक मंच साबित हुई। विविध विषयों पर केंद्रित पुस्तकों ने न केवल उनके ज्ञान को समृद्ध किया, बल्कि उन्हें आजीवन पढ़ने और सीखने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया।