उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर बोड़ला में निःशुल्क सोनोग्राफी एवं रक्तदान शिविर आयोजित

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोड़ला में गर्भवती महिलाओं के लिए निःशुल्क सोनोग्राफी एवं रक्तदान शिविर लगाया गया। शिविर में 91 महिलाओं की सोनोग्राफी, 146 लोगों की ओपीडी जांच की गई एवं 6 ग्रामीणों ने रक्तदान किया। यह शिविर वनांचल क्षेत्रों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुआ।

Nov 28, 2025 - 17:10
 0  7
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर बोड़ला में निःशुल्क सोनोग्राफी एवं रक्तदान शिविर आयोजित

 UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा | में उपमुख्यमंत्री एवं विधायक विजय शर्मा के निर्देशानुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोड़ला में गर्भवती महिलाओं के लिए निःशुल्क सोनोग्राफी शिविर और रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जो वनांचल और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित उपलब्धता को देखते हुए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ। शिविर में कुल 91 गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी की गई, जिससे हाई-रिस्क गर्भावस्था की समय रहते पहचान संभव हो सकी, वहीं प्रसव पूर्व देखभाल, पोषण, एनीमिया रोकथाम एवं सुरक्षित प्रसव के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। 

 बोड़ला, चिल्फी, रेंगाखार, तरेगांव, झलमला सहित आसपास के वनांचल क्षेत्रों की महिलाओं ने इस सुविधा का लाभ लिया। साथ ही 146 ग्रामीणों की सामान्य ओपीडी जांच कर उन्हें निःशुल्क दवाइयाँ और आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया गया तथा रक्तदान शिविर में 6 रक्तदाताओं ने रक्तदान कर मानवता का परिचय दिया।

शिविर से बोड़ला, पोड़ी और बैजलपुर सेक्टर के कई ग्रामों के ग्रामीण लाभान्वित हुए। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इसे सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि वनांचल और दूरस्थ ग्रामों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने के लिए ऐसे शिविर नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे, जबकि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेंद्र तूरे ने बताया कि कलेक्टर गोपाल वर्मा के मार्गदर्शन में लगातार ऐसे शिविर लगाए जा रहे हैं ताकि समय पर गर्भवती महिलाओं की जांच सुनिश्चित हो सके। बीएमओ डॉ. पुरुषोत्तम राजपूत ने कहा कि सोनोग्राफी के माध्यम से हाई-रिस्क गर्भावस्था की शुरुआती पहचान वनांचल क्षेत्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके माध्यम से शिशु के विकास, प्रसव तिथि, प्लेसेंटा की स्थिति, अम्नियोटिक द्रव, जन्मजात विकृतियों एवं अन्य जटिलताओं की सही पहचान की जा सकती है।