जिला अस्पताल अंबिकापुर को रक्त घटक निर्माण की स्वीकृति, सरगुजा संभाग की स्वास्थ्य सेवाओं को मिली बड़ी मजबूती
जिला अस्पताल अंबिकापुर स्थित ब्लड सेंटर को एफडीए छत्तीसगढ़ द्वारा रक्त घटक निर्माण की आधिकारिक स्वीकृति मिल गई है। अब पैक्ड रेड सेल्स, एफएफपी, प्लेटलेट्स व क्रायोप्रेसिपिटेट की सुविधा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होगी, जिससे गंभीर मरीजों को समय पर उपचार मिल सकेगा।
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और बहुप्रतीक्षित उपलब्धि हासिल हुई है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन, छत्तीसगढ़ (Food & Drugs Administration, C.G.) द्वारा जारी आदेश के तहत जिला अस्पताल अंबिकापुर स्थित ब्लड सेंटर को रक्त के विभिन्न घटकों के निर्माण एवं उपयोग की आधिकारिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
जारी एंडोर्समेंट लेटर के अनुसार सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, जिला अस्पताल अंबिकापुर (जिला सरगुजा) के नाम से संचालित ब्लड सेंटर को अब पैक्ड रेड सेल्स (Packed Red Cells), फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा (FFP), प्लेटलेट कंसन्ट्रेट एवं क्रायोप्रेसिपिटेट जैसे अत्यंत आवश्यक रक्त घटकों के निर्माण और उपयोग की अनुमति प्राप्त हो गई है। यह सुविधा अब तक जिले में उपलब्ध नहीं थी, जिसके कारण मरीजों को अन्य जिलों या बड़े चिकित्सा संस्थानों पर निर्भर रहना पड़ता था।
इस स्वीकृति के बाद सरगुजा संभाग के सबसे बड़े शासकीय चिकित्सा संस्थान में उपचार के लिए आने वाले गंभीर रोगियों को सीधा लाभ मिलेगा। आपातकालीन मामलों, शल्य चिकित्सा, सड़क दुर्घटना पीड़ितों, गंभीर रक्तस्राव से पीड़ित मरीजों, गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं के उपचार में रक्त घटकों की समय पर उपलब्धता जीवनरक्षक सिद्ध होगी। अब इन सेवाओं के लिए मरीजों को अनावश्यक देरी या दूरस्थ रेफरल का सामना नहीं करना पड़ेगा।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार रक्त घटक आधारित चिकित्सा आधुनिक उपचार प्रणाली का एक अहम हिस्सा है, क्योंकि इससे मरीज को उसकी आवश्यकता के अनुसार विशिष्ट रक्त तत्व उपलब्ध कराए जा सकते हैं। इससे रक्त का अधिक प्रभावी और सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित होता है तथा जटिल रोगों के उपचार में सफलता की संभावना बढ़ती है।
जिला अस्पताल अंबिकापुर को मिली यह उपलब्धि न केवल सरगुजा संभाग की स्वास्थ्य सेवाओं को नई मजबूती देगी, बल्कि पूरे आदिवासी अंचल के लिए यह एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुधार साबित होगी। यह निर्णय क्षेत्र की स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने, मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने और जीवन रक्षा की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है।