दीपावली से पहले किसानों के चेहरे खिले: गन्ना उत्पादकों को मिला 5.98 करोड़ रुपये का तोहफा

कवर्धा जिले के 7,658 गन्ना किसानों को दीपावली से पहले राज्य शासन ने 5.98 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी, जिससे किसानों के चेहरों पर खुशी झलक उठी।

Oct 17, 2025 - 13:14
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दीपावली से पहले किसानों के चेहरे खिले: गन्ना उत्पादकों को मिला 5.98 करोड़ रुपये का तोहफा

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा/पंडरिया। दीपावली के पूर्व किसानों के लिए राज्य सरकार की ओर से एक बड़ी सौगात मिली है। कबीरधाम जिले के गन्ना उत्पादक किसानों के खातों में कुल 5 करोड़ 98 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि जारी की गई है। इस राशि से किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है और पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है।

राज्य शासन ने वर्ष 2024-25 के पेराई सत्र के लिए गन्ना विक्रेता किसानों को प्रति क्विंटल 39.90 रुपये की दर से यह राशि स्वीकृत की है। यह प्रोत्साहन राशि लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना मर्या., पंडरिया को प्राप्त हुई है। कारखाना प्रबंधन ने बताया कि शासन से राशि मिलते ही 7,658 गन्ना उत्पादक किसानों के खातों में सीधे बैंक ट्रांसफर के माध्यम से भुगतान की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है।

त्योहार से ठीक पहले मिली इस आर्थिक सहायता ने किसानों के लिए दीपावली को और उज्जवल बना दिया है। किसान अब न केवल ऋण और देनदारियों से राहत महसूस कर रहे हैं, बल्कि अपने परिवारों के साथ त्योहार को हर्षोल्लास से मनाने की तैयारी में जुटे हैं।

कारखाना प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि यह राशि किसानों की मेहनत का सम्मान है। प्रोत्साहन राशि का उद्देश्य किसानों को आर्थिक स्थिरता देना और उन्हें समय पर भुगतान सुनिश्चित करना है ताकि वे अगले सत्र की तैयारी सुगमता से कर सकें।

पंडरिया की विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि किसानों की खुशहाली और हित ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि “यह राशि केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि किसानों के परिश्रम का सम्मान है।”

किसानों ने इस निर्णय के लिए राज्य शासन और विधायक भावना बोहरा के प्रति आभार व्यक्त किया। उनका कहना है कि सरकार की यह पहल दीपावली के अवसर पर “बोनस तोहफा” जैसी है, जिसने हर किसान परिवार के घर में खुशियों की लौ जला दी है।

त्योहार के इस मौसम में यह आर्थिक संबल न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई गति प्रदान करेगा। राज्य सरकार की यह योजना किसानों की आत्मनिर्भरता और कृषि सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।