नक्सल विरोधी अभियान में घायल वीर जवानों का आत्मीय सम्मान: गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने भोजन कर जताया स्नेह

रायपुर में गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने नक्सल विरोधी अभियान में घायल वीर जवानों को सम्मानित किया, भोजन कराया और दीपावली उपहार भेंट कर संवेदना और सम्मान व्यक्त किया।

Oct 17, 2025 - 13:06
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नक्सल विरोधी अभियान में घायल वीर जवानों का आत्मीय सम्मान: गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने भोजन कर जताया स्नेह

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। रायपुर में आयोजित “एक शाम वीर जवानों के नाम” कार्यक्रम ने मानवीय संवेदना और कृतज्ञता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने नक्सल विरोधी अभियान में घायल हुए वीर जवानों को अपने शासकीय निवास पर आमंत्रित कर आत्मीय सम्मान प्रदान किया।

कार्यक्रम में बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों के कुल 30 डिस्ट्रीक्ट रिजर्व ग्रुप (DRG) एवं बस्तर फाइटर बल के जवान शामिल हुए, जो नक्सल विरोधी अभियान के दौरान गोलियों और आईईडी विस्फोटों से घायल हुए थे। श्री शर्मा ने सभी जवानों को स्नेहपूर्वक भोजन कराया और दीपावली पर्व की शुभकामनाओं के साथ स्नेह उपहार भेंट किए।

 

गृहमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि यह आयोजन केवल सम्मान का नहीं, बल्कि आभार का प्रतीक है। जिन्होंने संविधान, लोकतंत्र और नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की परवाह किए बिना सेवा की, उनका योगदान अमूल्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घायल जवानों की पूर्ण चिकित्सा, पुनर्वास और उनके परिवारों की देखभाल के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक जवान के साथ व्यक्तिगत रूप से खड़ी है। चाहे चिकित्सा सुविधा हो, कृत्रिम अंगों की व्यवस्था हो, या उनके बच्चों की शिक्षा और रोजगार की व्यवस्था — हर क्षेत्र में राज्य सरकार प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है।

 

श्री शर्मा ने कहा कि घायल जवान केवल सुरक्षा बलों के सदस्य नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के रक्षक हैं। उनका सम्मान करना हर नागरिक का नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि “एक शाम वीर जवानों के नाम” जैसे आयोजन यह संदेश देते हैं कि छत्तीसगढ़ वीरता, समर्पण और मानवता का प्रतीक राज्य है।

गृहमंत्री ने अंत में कहा कि विष्णुदेव साय सरकार का स्पष्ट संदेश है — “देश की रक्षा में लगे प्रत्येक जवान का मान-सम्मान सर्वोपरि है।” उनका त्याग और समर्पण स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।