ग्राम पंचायत रिसगांव में स्वच्छ भारत मिशन की पोल खुली — लाखों की लागत से बना सामुदायिक शौचालय बना बकरी कोठा

धमतरी जिले के ग्राम रिसगांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बना सामुदायिक शौचालय अधूरा पड़ा है, रखरखाव के अभाव में बकरी कोठा बना, ग्रामीण विकास योजनाओं से वंचित।

Oct 12, 2025 - 16:36
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ग्राम पंचायत रिसगांव में स्वच्छ भारत मिशन की पोल खुली — लाखों की लागत से बना सामुदायिक शौचालय बना बकरी कोठा

UNITED NEWS OF ASIA. रिजवान मेमन, धमतरी | जिले के टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतिम छोर पर बसे ग्राम पंचायत रिसगांव में शासन की योजनाओं की हकीकत खुलकर सामने आई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाखों रुपये की लागत से निर्मित सामुदायिक शौचालय अधूरा पड़ा है और अब वह बकरी बांधने का स्थान बन चुका है।

 

ग्राम पंचायत द्वारा लगभग तीन लाख रुपये की लागत से इस सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया, लेकिन निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया। न तो सेप्टिक टैंक बनाया गया, न टाइल्स लगाई गईं और न ही पानी की व्यवस्था की गई। परिणामस्वरूप ग्रामीणों ने इसे ‘बकरी कोठा’ के रूप में उपयोग करना शुरू कर दिया है।

 

ग्रामीणों का कहना है कि वे यदि शिकायत करते हैं तो पंचायत में उन्हें “शिकायतकर्ता” मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। अधिकारी भी वनाचल क्षेत्र का हवाला देकर निरीक्षण नहीं करते, जिससे ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के हौसले बुलंद हैं और सरकारी राशि का दुरुपयोग लगातार जारी है।

इसी तरह, गांव को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से शासन द्वारा प्रदान किया गया नया कचड़ा रिक्शा स्कूल के सामने खड़ा-खड़ा कबाड़ हो गया है। यह रिक्शा गांव की स्वच्छता और रोजगार दोनों के लिए उपयोग होना था, लेकिन पंचायत की लापरवाही के कारण अब यह बेकार पड़ा है।

गांव की गलियों में बड़े-बड़े गड्ढे और गंदगी आम बात हो गई है। नालियों की सफाई नहीं होती और सड़कों की मरम्मत के लिए मिलने वाली मूलभूत विकास राशि का उपयोग भी सही तरीके से नहीं हो रहा।

जब इस विषय पर रिसगांव के वर्तमान सरपंच चंद्रकुमार अग्रवानी से जानकारी ली गई तो उन्होंने मात्र इतना कहा, “यह मेरे कार्यकाल का नहीं है।” लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर यह अधूरा निर्माण पुराने कार्यकाल का है तो इसकी जवाबदारी कौन लेगा?

रिसगांव की यह स्थिति शासन की उन योजनाओं पर सवाल खड़ा करती है जो कागजों में तो विकास की मिसाल पेश करती हैं, पर हकीकत में ग्रामीणों के लिए सिर्फ एक अधूरा सपना बनकर रह जाती हैं।