ज्योतिषाचार्य पंडित सुधांशु तिवारी का न्यायपालिका को चेतावनी, धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप से बचने का आग्रह

ज्योतिषाचार्य पंडित सुधांशु तिवारी ने कहा न्यायपालिका का काम केवल न्याय करना है, धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप न करें और सुप्रीम कोर्ट को अनुच्छेद 49 याद रखना चाहिए।

Oct 11, 2025 - 12:47
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ज्योतिषाचार्य पंडित सुधांशु तिवारी का न्यायपालिका को चेतावनी, धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप से बचने का आग्रह

UNITED NEWS OF ASIA. पंडित सुधांशु तिवारीज्योतिषाचार्य और समाजिक प्रवक्ता पंडित सुधांशु तिवारी ने हाल ही में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर न्यायपालिका को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने से बचने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का मुख्य कर्तव्य केवल न्याय करना है, न कि किसी धर्म, समुदाय या धार्मिक प्रथाओं में टिप्पणियां करना।

पंडित तिवारी ने विशेष रूप से कहा कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 49 सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सहित सभी न्यायाधीशों को स्मरण करना चाहिए। इस अनुच्छेद के अनुसार, भारतीय राज्य को धर्म के मामलों में तटस्थ रहना चाहिए और धार्मिक गतिविधियों तथा संस्थाओं को सुरक्षित रखने का कर्तव्य निभाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि न्यायालय द्वारा धार्मिक मामलों में किए गए असावधान टिप्पणियां या हस्तक्षेप समाज में भ्रम और आहत भावनाएं उत्पन्न कर सकते हैं। इससे ना केवल संबंधित समुदायों की भावनाओं को चोट पहुँचती है, बल्कि समाज में धार्मिक सौहार्द और एकता को भी खतरा पैदा होता है।

पंडित तिवारी ने न्यायपालिका से आग्रह किया कि वह सिर्फ कानूनी दायरे में रहकर न्याय करे, और धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने से बचते हुए संविधान की भावना का सम्मान करे। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की टिप्पणियां न्यायपालिका की छवि पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं और जनता का विश्वास कमजोर कर सकती हैं।

समाज में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और धार्मिक सद्भाव बनाए रखने के लिए पंडित तिवारी ने सभी न्यायाधीशों से संवेदनशीलता और सतर्कता बरतने की अपील की। उनके अनुसार, धार्मिक मामलों में गैर-जरूरी हस्तक्षेप से बचना ही समाज और न्याय व्यवस्था दोनों की रक्षा करना है।

पंडित सुधांशु तिवारी की यह चेतावनी वर्तमान समय में न्यायपालिका के निर्णयों और टिप्पणियों पर बढ़ते सार्वजनिक ध्यान को देखते हुए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।