सर्व गांडा समाज ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बूढ़ादेव महोत्सव में शामिल होने का आग्रह किया

कोंडागांव में सर्व गांडा समाज ने प्रदेश स्तरीय बूढ़ादेव महोत्सव 2025 की तैयारियों के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह किया है। यह महोत्सव 17 नवंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य समाज की परंपरा, संस्कृति और प्रकृति पूजन की भावना को आगे बढ़ाना है।

Oct 26, 2025 - 17:32
 0  9
सर्व गांडा समाज ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बूढ़ादेव महोत्सव में शामिल होने का आग्रह किया

UNITED NEWS OF ASIA. रामकुमार भारद्वाज, कोंडागांव। मूल छत्तीसगढ़िया सर्व गांडा समाज के प्रदेश पदाधिकारियों और जिला प्रतिनिधियों की विशेष बैठक में बूढ़ादेव महोत्सव 2025 की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह किया।

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बूढ़ादेव महोत्सव का आयोजन आगामी 17 नवंबर 2025 को किया जाएगा। पहले यह आयोजन 16 अक्टूबर को निर्धारित था, किंतु मुख्यमंत्री के बिहार चुनाव प्रचार अभियान में व्यस्त रहने के कारण इसे स्थगित किया गया था। अब समाज ने विधायक सुश्री लता उसेंडी, जो भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं, के माध्यम से मुख्यमंत्री से पुनः समय मांगा है।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रूढ़िप्रथा, रीति-रिवाज, संस्कृति और संस्कार के संरक्षण के साथ-साथ समाज के लोगों में एकता और गर्व की भावना को मजबूत करना है। बूढ़ादेव महोत्सव, प्रकृति पूजक गांडा समाज की आस्था का प्रतीक है, जहां समाज के लोग प्रकृति के देवता बूढ़ादेव की आराधना कर समस्त सृष्टि में अमन, चैन और सुख-शांति की कामना करते हैं।

बैठक में समाज के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुलदीप, अध्यक्ष अंदकुरी गांडा समाज समन्वय समिति सुशील दर्रा, युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र बघेल, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. किरण बघेल, जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश मांडवी, रोशन बघेल, मोहनसिंह गंधर्व, डी.एस. नाग, संतोष चौहान, विक्रम सरित, दिलीप कोर्राम, डीलेंद्र पोयाम, आशमति पोयाम, पिंकी कोर्राम और रितु बघेल सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।

समाज में इस आयोजन को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है। कार्यक्रम को प्रदेश स्तर पर भव्य रूप से आयोजित करने की तैयारी की जा रही है ताकि छत्तीसगढ़ की मौलिक संस्कृति और पारंपरिक आस्था को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके। समाज ने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के शामिल होने से इस कार्यक्रम की गरिमा और बढ़ेगी।