महतारी वंदन की राशि बिजली बिल से वसूल रही सरकार: पूर्व विधायक संतराम नेताम
पूर्व विधायक संतराम नेताम ने छत्तीसगढ़ सरकार पर बिजली बिलों में भारी बढ़ोतरी को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर के जरिए सरकार महतारी वंदन योजना की राशि जनता से बिजली बिल के माध्यम से वसूल रही है। नेताम ने कहा कि जिन उपभोक्ताओं के बिल पहले 200-250 रुपये आते थे, अब वे 600 रुपये से अधिक हो गए हैं। उन्होंने भाजपा सरकार पर मुनाफाखोरी और उपभोक्ताओं पर बोझ डालने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस सरकार के समय “बिजली बिल हाफ” योजना से जनता को बड़ी राहत मिली थी।

UNITED NEWS OF ASIA. राज पांडे, केशकाल | छत्तीसगढ़ में बिजली बिलों में हुई भारी बढ़ोतरी को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। पूर्व विधायक संतराम नेताम ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि विष्णुदेव साय सरकार “महतारी वंदन” योजना की राशि जनता से बिजली बिल के माध्यम से वसूल रही है।
नेताम ने कहा कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ डालने का नया माध्यम बन गया है। सरकार ने वादा किया था कि स्मार्ट मीटर से बिल सटीक और सस्ता होगा, लेकिन हकीकत इससे उलट है। पहले जहां घरों का बिजली बिल 200 से 250 रुपये आता था, अब वही बिल 600 रुपये से अधिक का आने लगा है। कई उपभोक्ताओं के बिल तीन से चार गुना तक बढ़ गए हैं। मजदूरी कर 200-300 रुपये कमाने वाले लोगों की आधी से ज्यादा कमाई बिजली बिल में जा रही है, जिससे घरेलू बजट पूरी तरह गड़बड़ा गया है।
पूर्व विधायक ने भाजपा सरकार की नीतियों को “प्रायोजित लूट” बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई “बिजली बिल हाफ” योजना से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली थी। लगभग 54 लाख घरेलू उपभोक्ता इस योजना के तहत 40 से 50 हजार रुपये तक की बचत कर चुके थे। लेकिन भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही यह योजना बंद कर दी, बिजली दरों में वृद्धि की और स्मार्ट मीटर के जरिए अतिरिक्त रीडिंग बताकर बिल और बढ़ा दिया।
नेताम ने सवाल उठाया कि “क्या यही साय सरकार का सुशासन है, जिसमें जनता को राहत देने के बजाय बढ़े हुए बिजली बिल का बोझ उठाना पड़ रहा है?” उन्होंने कहा कि कोयला, पानी और जमीन राज्य की है, फिर भी जनता को महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। कांग्रेस पार्टी ने इस अन्यायपूर्ण नीति का विरोध जारी रखने का ऐलान किया है।