पत्रकारों की बैठक की तैयारी — मूलभूत सुविधाओं और उपेक्षा के मुद्दों पर चर्चा संभव
लोरमी विधानसभा क्षेत्र में पत्रकारों के बीच बढ़ती नाराज़गी के बीच दीपावली के बाद एक अहम बैठक बुलाए जाने की तैयारी की जा रही है। पत्रकारों का कहना है कि क्षेत्रीय स्तर पर उपेक्षा, संवाद की कमी और मूलभूत सुविधाओं के अभाव ने कार्य में कठिनाई बढ़ा दी है। संभावित बैठक में पत्रकारों की सुरक्षा, पहचान पत्र, और सरकारी कार्यक्रमों में निष्पक्ष व्यवहार जैसे मुद्दों पर ठोस निर्णय लिए जाने की संभावना है।
UNITED NEWS OF ASIA. पीताम्बर खांडे, मुंगेली। लोरमी विधानसभा क्षेत्र व जिले में इन दिनों पत्रकारों में गहरी नाराज़गी देखने को मिल रही है। क्षेत्र के कई वरिष्ठ और युवा पत्रकारों ने विधायक एवं छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव से उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा है कि क्षेत्रीय पत्रकार लंबे समय से विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज़ अब तक अनसुनी रही है।
दीपावली पर्व के बाद पत्रकारों की एक अहम बैठक बुलाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा होगी।
पत्रकारों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर संचार, सहयोग और संवाद की कमी लगातार महसूस की जा रही है। सरकारी कार्यक्रमों में मीडिया को न तो पर्याप्त जानकारी दी जा रही है, न ही उचित स्थान या सम्मान। कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करने के प्रयास भी निष्फल रहे हैं।
मूलभूत सुविधाओं का अभाव भी असंतोष का कारण
लोरमी क्षेत्र व मुंगेली जिला के पत्रकारों का कहना है कि क्षेत्र की सड़क, बिजली, स्वच्छता, इंटरनेट कनेक्टिविटी और पेयजल व्यवस्था अभी तक संतोषजनक नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाले संवाददाताओं को रोजाना तकनीकी दिक्कतों, नेटवर्क समस्या और परिवहन के अभाव से जूझना पड़ता है। इन विषयों को कई बार स्थानीय प्रतिनिधियों तक पहुंचाया गया, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।
पत्रकारों ने कहा कि जनता की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुँचाना मीडिया का कर्तव्य है, लेकिन जब स्वयं पत्रकारों की आवाज़ अनसुनी रह जाए, तो यह पत्रकार स्वाभिमान का प्रश्न बन जाता है।
संभावित बैठक में होंगे प्रमुख निर्णय
सूत्रों के अनुसार, दीपावली पर्व के बाद क्षेत्र के पत्रकारों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें जिले और ब्लॉक स्तर के पत्रकार शामिल होंगे।
इस बैठक में पत्रकारों की सुरक्षा, पहचान पत्र, सरकारी कार्यक्रमों में निष्पक्ष व्यवहार, और क्षेत्रीय विकास से जुड़े मुद्दों पर ठोस प्रस्ताव पारित किए जा सकते हैं।
कई पत्रकारों का कहना है कि उपमुख्यमंत्री अरुण साव से अपेक्षा थी कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र व मुंगेली के मीडिया प्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित कर समस्याओं का समाधान करेंगे, लेकिन अब तक इस दिशा में ठोस पहल नहीं हुई है। पत्रकार समाज ने उम्मीद जताई है कि दीपावली के बाद संवाद का नया अध्याय शुरू होगा और शासन-प्रशासन पत्रकारों की भूमिका को सम्मानपूर्वक स्वीकार करेगा।
पत्रकारों की एकजुटता बनी चर्चा का विषय
मुंगेली व लोरमी क्षेत्र में पत्रकारों की बढ़ती एकजुटता अब जनचर्चा का विषय बन गई है। वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा कि अब समय आ गया है जब क्षेत्र के विकास, पारदर्शिता और मीडिया की स्वतंत्र भूमिका को लेकर सामूहिक आवाज़ उठाई जाए।
आने वाले दिनों में पत्रकार समाज अपनी रणनीति और संगठनात्मक मजबूती को लेकर दिशा तय करेगा ताकि जनता से जुड़ी हर आवाज़ प्रभावी ढंग से शासन तक पहुँचे।
