छत्तीसगढ़ में हर तहसील पर 5000 गौधाम बनाए जाएं तो गौमाता होंगी सुरक्षित: पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अगर हर तहसील स्तर पर 5000-5000 गौधाम बनाए जाएं, तो गौमाता सड़क दुर्घटनाओं से सुरक्षित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि गायों की सुरक्षा के लिए केवल गोठान नहीं बल्कि स्वतंत्रता और संपूर्ण व्यवस्था की आवश्यकता है। शास्त्री ने अमीरों द्वारा गरीबों की उपेक्षा को सनातन धर्म की कमजोरी बताया और कहा कि हर भारतवासी को प्रतिदिन तीन घंटे रामचरित्र मानस और गीता का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने संघ के शताब्दी वर्ष पर बधाई दी और बताया कि गुरु कृपा रही तो रायपुर में दो दिन का दिव्य दरबार आयोजित किया जाएगा। साथ ही उन्होंने धर्मांतरण कर चुके लोगों को बागेश्वर धाम में पुनः सनातन में लौटने का आह्वान किया।

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह रायपुर। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर के मारुति मंगल भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में छत्तीसगढ़ सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि अगर राज्य के प्रत्येक तहसील स्तर पर 5000-5000 गौधाम बनाए जाएं, तो सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाली गौमाताओं को सुरक्षित किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "चार तहसीलों से शुरुआत करेंगे तो 20 हजार गौधाम तैयार हो सकते हैं, जिससे गायों के रहने, खाने और चारे-पानी की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी।"
उन्होंने गोठानों को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि गायों की सुरक्षा के लिए स्वतंत्रता और समुचित प्रबंधन जरूरी है।
पं. शास्त्री ने समाज में जातिगत भेदभाव और अमीरों द्वारा गरीबों की उपेक्षा को सनातन धर्म की सबसे बड़ी कमजोरी बताया। उन्होंने कहा, "हिंदू-हिंदू भाई-भाई है, लेकिन समाज को जातियों और ऊंच-नीच में उलझाकर कमजोर किया जा रहा है, और मैं इसी के खिलाफ संघर्ष कर रहा हूं।"
उन्होंने प्रत्येक भारतवासी से अपील की कि वह हर दिन कम से कम तीन घंटे रामचरित्र मानस और गीता का अध्ययन करे, ताकि बच्चों में संस्कार और संस्कृति मजबूत हो सके। साथ ही उन्होंने संघ के शताब्दी वर्ष पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश में विचारधारा को जीवित रखने का कार्य किया है।
भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि बागेश्वर धाम में कैंसर अस्पताल निर्माणाधीन है। इसके पूर्ण होते ही छत्तीसगढ़ में अस्पताल निर्माण पर भी विचार किया जाएगा।
धर्मांतरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि 5 से 8 अक्टूबर तक बागेश्वर धाम का मंच उन लोगों के लिए खुला रहेगा जो सनातन में लौटना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि अनुमति मिलने पर वे जशपुर और बस्तर में कथा या पदयात्रा करेंगे।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगर गुरु कृपा रही तो रायपुर में दो दिन का दिव्य दरबार आयोजित किया जाएगा। 7 से 16 नवंबर के बीच यहां कथा का आयोजन होगा। कल दिव्य दरबार दोपहर 12 से 2 बजे तक और कथा शाम 3:30 से 6:30 बजे तक होगी।
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अंत में कहा, “हनुमान कथा का सबसे बड़ा संदेश है विनम्रता। जब तक हम विनम्र रहना नहीं सीखते, तब तक हनुमान जी हमारे हृदय में वास नहीं कर सकते।”