सफलता की कहानी: ऑनलाइन टोकन से ट्रैक्टर तक – पोटियाडीह के किसान तोरण पटेल की खुशहाल खेती
धमतरी जिले के ग्राम पोटियाडीह के किसान तोरण पटेल ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की पारदर्शी व्यवस्था और ऑनलाइन टोकन प्रणाली से समय पर भुगतान प्राप्त कर खेती को लाभकारी बनाया। समय पर मिले भुगतान से उन्होंने ट्रैक्टर खरीदा और खेती की उत्पादकता बढ़ाई।
UNITED NEWS OF ASIA. रिजवान मेमन, धमतरी। धमतरी जिले के ग्राम पोटियाडीह में इन दिनों खेतों के साथ-साथ किसानों के चेहरों पर भी खुशहाली साफ दिखाई दे रही है। इसका मुख्य कारण समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की सुचारु, पारदर्शी और किसान-हितैषी व्यवस्था है। गांव के किसान तोरण पटेल बताते हैं कि अब धान बेचने के लिए न लंबी कतारों में खड़े रहने की मजबूरी है और न ही भुगतान को लेकर अनिश्चितता।
तोरण पटेल के पास लगभग 8 एकड़ कृषि भूमि है। इस खरीफ सीजन में वे 79 क्विंटल धान लेकर उपार्जन केंद्र पहुंचे। उन्होंने बताया कि शासन की ऑनलाइन टोकन व्यवस्था ने उनकी सबसे बड़ी समस्या का समाधान कर दिया है। समय पर टोकन मिलने से भीड़-भाड़ से बचाव हुआ और पूरा कार्य निर्धारित समय में आसानी से संपन्न हो गया। किसान तोरण पटेल कहते हैं, “अब खेत का काम छोड़कर दिनभर लाइन में खड़े रहने की जरूरत नहीं पड़ती।”
पिछले वर्ष पटेल ने 168 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर बेचा था। समय पर मिले भुगतान ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ाया। इसी राशि से उन्होंने अपना एक बड़ा सपना साकार किया—ट्रैक्टर की खरीदी। ट्रैक्टर आने से खेती का कार्य सरल हुआ, श्रम लागत में कमी आई और उत्पादन में वृद्धि हुई। इसके साथ ही सहकारी समिति से खाद और बीज की समय पर उपलब्धता से फसल की तैयारी भी बिना किसी बाधा के हो सकी।
दसवीं तक शिक्षित तोरण पटेल मानते हैं कि आज की खेती केवल मेहनत पर नहीं, बल्कि सही योजना, तकनीक और सरकारी सहयोग पर आधारित है। शासन की योजनाओं से किसानों को आर्थिक सुरक्षा मिल रही है और हर कार्य समयबद्ध ढंग से पूरा हो रहा है। उपार्जन केंद्रों में पेयजल, छाया, तौल, भुगतान और मार्गदर्शन जैसी सुविधाओं ने किसानों का भरोसा और मजबूत किया है।
तोरण पटेल ने किसानों के हित में किए जा रहे प्रयासों के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया। उनकी यह कहानी इस बात का उदाहरण है कि जब नीति सही हो, व्यवस्था मजबूत हो और किसान को सम्मान मिले, तो खेती केवल आजीविका नहीं बल्कि समृद्धि का सशक्त माध्यम बन जाती है। यह सफलता की कहानी न सिर्फ पोटियाडीह, बल्कि पूरे प्रदेश के किसानों के लिए प्रेरणास्रोत है।