नवरात्रि में भागवत महापुराण का रसपान, महागांव जदीद में हुआ श्री कृष्ण महारास का वर्णन
नवरात्रि के दौरान महागांव जदीद में श्रीमद्भागवत महापुराण का आयोजन हुआ। पंडित गोपाल गुरु जी ने षष्ठम दिवस पर भगवान श्री कृष्ण के महारास और रुक्मिणी विवाह का वर्णन करते हुए भक्तों को परमात्मा और जीवात्मा के मिलन का महत्व समझाया। आसपास के गांवों से आए भक्तों ने उत्सव में भक्ति और आनंद का अनुभव किया।

UNJITED NEWS OF ASIA. घनश्याम शर्मा, महागांव जदीद। नवरात्रि के पावन पर्व पर महागांव जदीद में चल रहे श्रीमद्भागवत महापुराण आयोजन में भक्तों ने भक्ति रस का आनंद लिया। उज्जैन नगरी से पधारे पंडित गोपाल गुरु जी ने षष्ठम दिवस में भगवान श्री कृष्ण के महारास का वर्णन किया।
पंडित जी ने बताया कि महारास का अर्थ है परमात्मा और जीवात्मा का मिलन। ब्रजभूमि में, जहां हर कण में श्री कृष्ण की उपस्थिति है, वहाँ महारास का अनुभव भक्तों के लिए दिव्य आनंद का स्रोत है।
इस अवसर पर श्री कृष्ण और रुक्मिणी जी के विवाह उत्सव का भी वर्णन किया गया। आसपास के गांवों और महागांव के भक्तों ने इस आयोजन में भाग लिया और भक्ति एवं आनंद से उत्सव का रसपान किया।
भक्तों ने बताया कि नवरात्रि का यह आयोजन न केवल धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और परमात्मा के प्रति प्रेम का अनुभव कराता है।