MCB में पुलिस की चुप्पी पर सवाल, नागपुर क्षेत्र बना अवैध गांजे का नया हब
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले के नागपुर क्षेत्र में अवैध गांजे की खुलेआम बिक्री ने पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कप्तान के निर्देशों के बावजूद जमीनी स्तर पर कार्रवाई न होने से नशे का कारोबार फल-फूल रहा है।
UNITED NEWS OF ASIA. प्रदीप पाटकर ,MCB (मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर)। जिले के नागपुर क्षेत्र में इन दिनों कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। एक ओर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग नशे के खिलाफ अभियान चलाने और अवैध मादक पदार्थों पर सख्ती के दावे कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नागपुर क्षेत्र अवैध गांजे की बिक्री का नया केंद्र बनता जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि नागपुर अब जिले में अवैध नशे के कारोबार का दूसरा सबसे बड़ा हब माना जा रहा है।
स्थानीय नागरिकों के अनुसार नागपुर तिराहे से महज 500 मीटर के दायरे में खुलेआम गांजे की अवैध बिक्री धड़ल्ले से चल रही है। यह कारोबार किसी छुपे हुए इलाके में नहीं, बल्कि मुख्य मार्ग और आबादी वाले क्षेत्रों में हो रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न होना पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध गतिविधि की जानकारी बार-बार देने के बाद भी प्रशासन की ओर से केवल आश्वासन ही मिले हैं।
जिले की पुलिस कप्तान रत्ना सिंह ने पदभार संभालते ही अवैध मादक पदार्थों की बिक्री पर पूर्ण अंकुश लगाने के निर्देश दिए थे। शुरुआती दिनों में कुछ कार्रवाई भी देखने को मिली, लेकिन नागपुर क्षेत्र की मौजूदा स्थिति यह संकेत देती है कि उनके आदेशों का प्रभाव जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रहा है। नशा तस्करों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे पुलिस कार्रवाई से बेखौफ होकर खुलेआम अपना कारोबार चला रहे हैं।
नागपुर क्षेत्र में नशे का बढ़ता प्रचलन न केवल युवाओं के भविष्य के लिए खतरा है, बल्कि इससे अपराधों में वृद्धि की आशंका भी गहराती जा रही है। नशे की लत से जुड़ी चोरी, मारपीट और अन्य आपराधिक घटनाएं कानून व्यवस्था को और कमजोर कर सकती हैं। ऐसे में पुलिस की पेट्रोलिंग व्यवस्था और खुफिया तंत्र की प्रभावशीलता पर भी सवाल उठना लाजिमी है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि मुख्य तिराहे के आसपास ही अवैध गांजा बिक रहा है और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है, तो यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। लोगों को आशंका है कि कहीं यह चुप्पी लापरवाही नहीं, बल्कि किसी तरह की मिलीभगत का संकेत तो नहीं।
अब निगाहें जिला प्रशासन और पुलिस कप्तान रत्ना सिंह पर टिकी हैं कि इस खबर के सामने आने के बाद नागपुर क्षेत्र में सक्रिय नशे के सौदागरों के खिलाफ कब और कैसी सख्त कार्रवाई की जाती है। यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो यह अवैध कारोबार पूरे जिले की कानून व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।