महाष्टमी पर 108 मीटर चुनरी यात्रा ने दिया “नारी सुरक्षा” का संदेश, कवर्धा में उमड़ा श्रद्धा और सामाजिक चेतना का सैलाब

कवर्धा में शारदीय नवरात्र की महाष्टमी पर बाबा श्री महाकाल भक्त मंडल द्वारा आयोजित 108 मीटर लंबी चुनरी यात्रा भक्ति, आस्था और सामाजिक चेतना का अनूठा संगम बनी। इस वर्ष यात्रा को “नारी सुरक्षा” थीम पर समर्पित किया गया, जिससे मातृशक्ति के सम्मान और समाज में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता का संदेश दिया गया। जसगीतों की मधुर धुनों के बीच श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी के श्रृंगार और सिंदूरार्चन में शामिल हुए। यात्रा में 108 मीटर चुनरी का धार्मिक महत्व बताते हुए इसे मातृशक्ति के सम्मान और सामाजिक एकता का प्रतीक बताया गया। श्रद्धालुओं ने इस आयोजन को केवल धार्मिक पर्व नहीं बल्कि सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक आंदोलन के रूप में सराहा।

Oct 1, 2025 - 14:30
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महाष्टमी पर 108 मीटर चुनरी यात्रा ने दिया “नारी सुरक्षा” का संदेश, कवर्धा में उमड़ा श्रद्धा और सामाजिक चेतना का सैलाब

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। शारदीय नवरात्र महोत्सव की महाष्टमी पर धर्मनगरी कवर्धा में आस्था और सामाजिक चेतना का अद्वितीय संगम देखने को मिला। बाबा महाकाल भक्त मंडल द्वारा विगत चार वर्षों से आयोजित की जा रही चुनरी यात्रा इस बार और भी भव्य और सार्थक रही। इस वर्ष यात्रा को “नारी सुरक्षा” की थीम पर समर्पित किया गया, जिसने मातृशक्ति के सम्मान और समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गहरा संदेश दिया।

जसगीतों में झूमते श्रद्धालु, भक्ति का अद्भुत स्वरूप

आयोजन में इस बार भी डीजे या धुमाल का प्रयोग नहीं किया गया। धार्मिक वातावरण में जसगीतों की मधुर धुनों पर झूमते युवाओं और श्रद्धालुओं ने 108 मीटर लंबी चुनरी से मां विंध्यवासिनी का श्रृंगार और सिंदूरार्चन किया। “जय माता दी” के जयघोष से पूरा नगर भक्तिमय वातावरण में डूब गया।

108 मीटर चुनरी का धार्मिक महत्व

आयोजक विकास केशरी ने बताया कि 108 अंक पूर्णता और सिद्धि का प्रतीक है। हिंदू धर्म में 108 उपनिषद, 108 नामों से देवी की स्तुति और 108 तीर्थों की महिमा वर्णित है। इसलिए 108 मीटर चुनरी को देवी को अर्पित करना मातृशक्ति के प्रति श्रद्धा, सामाजिक एकता और कल्याण की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है।

नारी सुरक्षा: भक्ति और जिम्मेदारी का संदेश

इस वर्ष की थीम “नारी सुरक्षा” ने यात्रा को गहरी सामाजिक प्रासंगिकता दी। सुधीर केशरवानी और नीरज चन्द्रवंशी ने बताया कि जैसे मां दुर्गा शक्ति और संरक्षण का प्रतीक हैं, वैसे ही समाज के हर व्यक्ति को भी महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। मातृशक्ति की रक्षा ही सच्ची भक्ति है और यही समाज को संगठित करती है। निशा साहू ने मां भगवती के स्वरूप में श्रृंगार कर यात्रा में सहभागिता निभाई।

जनता का उत्साह और आयोजन की सफलता

पूरे कवर्धा नगर में श्रद्धा और आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सैकड़ों श्रद्धालु चुनरी यात्रा में शामिल हुए और माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त किया। श्रद्धालुओं ने इसे केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक चेतना का प्रतीक बताया।

आयोजन की सफलता में सुधीर केशरवानी, आकाश यदु, नीरज चन्द्रवंशी, अभिषेक आमदे, निक्कू आमदे, केतुल नाग, रुपेश चन्द्रवंशी, चिराग यादव, युवराज चंदेल सहित अनेक कार्यकर्ताओं और श्रद्धालुओं का विशेष योगदान रहा।

यह चुनरी यात्रा इस बात का प्रमाण बनी कि जब भक्ति के साथ सामाजिक चेतना जुड़ती है, तो धर्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं रहता, बल्कि समाज को जागरूक, संगठित और सशक्त बनाने का माध्यम बन जाता है।