कुसमी धान मंडी में बड़ा हादसा: ट्रैक्टर पलटने से किसान हरिमोहन एक्का की मौत, अव्यवस्थित प्रबंधन पर उठे सवाल
कुसमी धान मंडी में शनिवार को बड़ा हादसा हो गया, जब एक ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट गया और 45 वर्षीय किसान हरिमोहन एक्का की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद खराब सड़क, भीड़भाड़ और अव्यवस्थित मंडी प्रबंधन को लेकर सवाल खड़े हो गए। ग्रामीणों ने सुविधाओं की कमी को हादसे का प्रमुख कारण बताया।
UNITED NEWS OF ASIA. अली खान, बलरामपुर | कुसमी। कुसमी धान मंडी में शनिवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक ट्रैक्टर अचानक अनियंत्रित होकर पलट गया। इस दर्दनाक हादसे में केदली निवासी 45 वर्षीय किसान हरिमोहन एक्का की मौके पर ही मौत हो गई। किसान अपनी धान की बोरियां लेकर मंडी पहुंचे थे और प्रवेश मार्ग पर भीड़ तथा अव्यवस्था के बीच ट्रैक्टर आगे बढ़ा, तभी ड्राइवर का नियंत्रण वाहन से हट गया और ट्रैक्टर पलट गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मंडी परिसर का रास्ता बेहद खराब है। गड्ढों और असमान जमीन के कारण भारी वाहनों को निकलने में कठिनाई होती है। हादसे के दौरान ट्रैक्टर असंतुलित होकर बाईं ओर गिर गया। नीचे दबने से हरिमोहन एक्का बुरी तरह से घायल हुए और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना के बाद मंडी परिसर में मौजूद किसानों में आक्रोश और भय का माहौल देखने को मिला।
ग्रामीणों और किसानों ने मंडी की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि हर सीजन में भीड़ बढ़ने के बावजूद न तो मार्ग सुधारे जाते हैं और न ही वाहनों को सुचारू रूप से चलाने के लिए कोई गाइडलाइन लागू की जाती है। किसान नेताओं ने बताया कि मंडी के प्रवेश द्वार से लेकर तौल केंद्र तक कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया गया।
हादसे के बाद मंडी प्रबंधन की प्रतिक्रिया भी विवादों में रही। जब जिम्मेदार अधिकारियों से घटना के कारणों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा— "हम क्या बोलें, हम मौके पर नहीं थे।" इस बयान ने किसानों में और अधिक असंतोष पैदा कर दिया तथा प्रबंधन की संवेदनहीनता पर भी सवाल खड़े हो गए।
घटना के बाद ग्रामीणों ने उचित मुआवजा, सड़क सुधार और मंडी की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग की है। स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है, लेकिन किसानों का कहना है कि जब तक मंडी के बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं किया जाता, ऐसे हादसे फिर होने की संभावना बनी रहेगी।