कोरिया जिला प्रशासन की नाकामी: ग्राम कटगोड़ी में भ्रष्टाचार के खिलाफ ग्रामीणों का उग्र विरोध

कोरिया जिले के जनपद पंचायत सोनहत अंतर्गत ग्राम पंचायत कटगोड़ी में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ कड़ा आक्रोश जताया। जनसुनवाई और कलेक्टर कार्यालय में शिकायत देने के बावजूद संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाते हुए सीईओ सोनहत से मिलने का निर्णय लिया। रातों-रात बनने वाली सड़क और सरपंच-सचिव की मनमानी पर प्रश्न उठाते हुए ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।

Dec 12, 2025 - 11:12
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कोरिया जिला प्रशासन की नाकामी: ग्राम कटगोड़ी में भ्रष्टाचार के खिलाफ ग्रामीणों का उग्र विरोध

 UNITED NEWS OF ASIA. प्रदीप पाटकर, कोरिया | जिले के जनपद पंचायत सोनहत अंतर्गत ग्राम पंचायत कटगोड़ी एक बार फिर सुर्खियों में है, जहां ग्रामीणों ने प्रशासनिक लापरवाही और लगातार बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच और सचिव द्वारा ग्राम पंचायत में योजनाओं के क्रियान्वयन में भारी अनियमितताएं की जा रही हैं, जिसकी शिकायतें कई बार जनसुनवाई में प्रस्तुत की गईं, लेकिन उचित कार्रवाई के अभाव में अब लोगों का भरोसा प्रशासन से उठने लगा है।

 ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर कार्यालय में भी गंभीर शिकायतें दर्ज कराई थीं, जिसमें भ्रष्टाचार से जुड़े पुख्ता तथ्य और साक्ष्य स्पष्ट रूप से दिए गए थे, लेकिन जांच दल द्वारा की जा रही औपचारिकता ने जनता को निराश कर दिया है। आरोप है कि जांच दल सोनहत द्वारा न तो स्थल निरीक्षण ठीक से किया गया और न ही शिकायतों की वस्तुनिष्ठ जांच की गई, जिसे ग्रामीण पक्षपातपूर्ण रवैया बता रहे हैं।

सबसे बड़ी हैरानी उस सड़क निर्माण को लेकर है जो ग्रामीणों के अनुसार “रातों-रात” तैयार हो जाती है, जबकि गुणवत्ता और स्वीकृत प्रक्रिया का पालन बिल्कुल नहीं किया जाता। इससे ग्रामीणों में यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर इस भ्रष्टाचार को संरक्षण कौन दे रहा है और किसके सहयोग से बिना स्वीकृति और निरीक्षण के अचानक निर्माण कार्य पूरे कर लिए जाते हैं। लोगों का आक्रोश इस कदर बढ़ गया है |

कि आज बड़ी संख्या में ग्रामीण जनपद पंचायत सोनहत कार्यालय पहुंचकर सीईओ मैडम से मुलाकात की कोशिश में हैं, ताकि पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच कराई जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पारदर्शी जांच नहीं होगी और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक वे संघर्ष जारी रखेंगे। कोरिया जिले में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच इस प्रकार की दूरी और अविश्वास गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है। अब देखने वाली बात यह है कि ग्रामीणों की आवाज को प्रशासन कितनी गंभीरता से लेता है और क्या भ्रष्टाचार के इस पूरे प्रकरण पर कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं या शिकायतें सिर्फ कागजों में दबी रह जाती हैं।