जशपुर हत्या प्रकरण में सनसनीखेज मोड़, मृत घोषित सीमित खाखा जीवित मिला, वास्तविक मृतक की तलाश में विशेष टीम गठित
जशपुर जिले के सिटी कोतवाली क्षेत्र में सामने आए हत्या प्रकरण में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिस युवक को मृत मानकर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया था, वही सीमित खाखा जीवित पाया गया। शव की पहचान मजिस्ट्रेट के समक्ष परिजनों द्वारा किए जाने के बावजूद अब वास्तविक मृतक की खोज के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है।
UNITED NEWS OF ASIA. योगेश यादव, जशपुर (छत्तीसगढ़)। जशपुर जिले के सिटी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पुरनानगर के तुरीटोंगरी में दर्ज हत्या के मामले में पुलिस जांच के दौरान एक बड़ा और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। जिस व्यक्ति को मृत मानते हुए हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया था, वही सीमित खाखा जीवित पाया गया है। इस खुलासे के बाद न केवल पुलिस विवेचना की दिशा बदली है, बल्कि पूरे मामले में कई गंभीर सवाल भी खड़े हो गए हैं।
दिनांक 18 अक्टूबर 2025 को सिटी कोतवाली जशपुर को सूचना मिली थी कि ग्राम पुरनानगर के तुरीटोंगरी में एक गड्ढे में किसी अज्ञात व्यक्ति का अधजला शव पड़ा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि शव का चेहरा एवं शरीर का अधिकांश हिस्सा जल चुका है। प्रारंभिक जांच में मामला हत्या का प्रतीत होने पर शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण हत्यात्मक पाए जाने के बाद थाना सिटी कोतवाली जशपुर में अपराध क्रमांक 297/2025 धारा 103(1), 238(क) एवं 61(2) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई।
शव की स्थिति अत्यंत जर्जर होने के कारण उसकी पहचान पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी। पुलिस द्वारा शव की पहचान के लिए फोटो आसपास के थानों और चौकियों में भेजे गए तथा गुमशुदा व्यक्तियों की जानकारी जुटाई गई। इसी दौरान कार्यपालिक मजिस्ट्रेट (नायब तहसीलदार) के समक्ष शव पहचान की प्रक्रिया कराई गई, जिसमें तथाकथित मृतक की मां, पत्नी और भाई ने शव को सीमित खाखा के रूप में पहचाना। साथ ही फॉरेंसिक एक्सपर्ट द्वारा पूरे घटनास्थल का सीन ऑफ क्राइम रिक्रिएशन भी कराया गया। गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
हालांकि, बाद में पुलिस और टेक्निकल टीम को जानकारी मिली कि सीमित खाखा झारखंड के हजारीबाग क्षेत्र में मजदूरी कर रहा है। कुछ दिनों पूर्व सीमित खाखा अपने गांव सीटोंगा वापस लौटा, जिसके बाद परिजनों ने इसकी सूचना सिटी कोतवाली जशपुर को दी। पूछताछ में सीमित खाखा ने बताया कि वह पिछले कई महीनों से हजारीबाग में काम कर रहा था।
इस घटनाक्रम के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि जिस शव को सीमित खाखा का माना गया था, वह किसी अन्य व्यक्ति का है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह ने बताया कि वास्तविक मृतक की पहचान के लिए राजपत्रित अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच टीम गठित की गई है। प्रकरण की जांच जारी है और पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों की रिहाई हेतु वैधानिक प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
यह मामला जशपुर जिले में कानून व्यवस्था और जांच प्रक्रिया के लिहाज से एक अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया है, जिसमें सच्चाई तक पहुंचने के लिए अब गहन एवं निष्पक्ष जांच की जा रही है।