राज्योत्सव मंच पर हेमा जायसवाल की मंत्रमुग्ध कर देने वाली कथक प्रस्तुति, कोरबा का बढ़ाया मान

कोरबा राज्योत्सव के समापन अवसर पर बालको नगर की प्रसिद्ध नृत्यांगना हेमा जायसवाल ने अपनी शानदार कथक नृत्य प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। राष्ट्रीय स्तर पर अनेक स्वर्ण पदक जीत चुकीं हेमा सात वर्षों से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गुरु मोरध्वज वैष्णव से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। जनवरी में वे भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय छात्रवृत्ति समारोह में प्रस्तुति देंगी।

Nov 6, 2025 - 11:15
 0  48
राज्योत्सव मंच पर हेमा जायसवाल की मंत्रमुग्ध कर देने वाली कथक प्रस्तुति, कोरबा का बढ़ाया मान

UNITED NEWS OF ASIA. भूपेंद्र साहू, कोरबा | छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से आयोजित जिला स्तरीय राज्योत्सव के समापन समारोह में कोरबा की उभरती हुई नृत्यांगना हेमा जायसवाल ने अपनी मनमोहक कथक नृत्य प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बालको नगर की निवासी हेमा ने मंच पर ऐसी लयबद्धता और भावाभिव्यक्ति प्रस्तुत की कि पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

 

राज्योत्सव का यह समापन समारोह दिनांक 04 नवंबर 2025 को आयोजित हुआ था। जब मंच पर हेमा जायसवाल ने पारंपरिक कथक शैली में “नृत्य और भाव” की अनूठी झलक दिखाई, तो दर्शक देर तक तालियाँ बजाते रहे। उनकी प्रस्तुति ने छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भारतीय शास्त्रीय नृत्य परंपरा को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।

हेमा जायसवाल बीते सात वर्षों से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तबला वादक एवं कथक नृत्य गुरु मोरध्वज वैष्णव से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। उनके सधे हुए कदम, भावपूर्ण मुद्राएँ और संगीत की लय पर सटीक तालमेल ने यह साबित किया कि कथक केवल एक नृत्य नहीं बल्कि साधना का परिणाम है।

यह पहला अवसर नहीं जब हेमा ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया हो। वे अब तक राष्ट्रीय स्तर की 10 प्रतियोगिताओं में प्रथम पुरस्कार (गोल्ड मेडल) जीत चुकी हैं। इन उपलब्धियों ने न केवल बालको नगर बल्कि पूरे कोरबा जिले को गौरवान्वित किया है।

हेमा जायसवाल की कला यात्रा उनके अथक परिश्रम और नृत्य के प्रति समर्पण का परिणाम है। उनके गुरु मोरध्वज वैष्णव ने कहा कि हेमा में कथक के प्रति गहरी निष्ठा और रचनात्मक दृष्टि है, जो उन्हें एक सफल नृत्यांगना के रूप में आगे बढ़ा रही है।

जनवरी 2026 में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय छात्रवृत्ति समारोह में हेमा जायसवाल को कथक नृत्य प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस आयोजन में देशभर से चुने गए कलाकार अपनी-अपनी कला प्रस्तुत करेंगे। हेमा का यह चयन छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति के लिए गर्व का विषय है।

राज्योत्सव में दर्शकों ने उनकी प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि हेमा ने शास्त्रीय नृत्य को आधुनिक मंच पर जीवंत कर दिया। उनके भाव और नृत्य की गहराई ने सभी को भारतीय नृत्य की आत्मा से जोड़ दिया।

कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों ने हेमा जायसवाल को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। उनकी सफलता ने यह सिद्ध किया कि छत्तीसगढ़ की मिट्टी में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस उन्हें पहचान और प्रोत्साहन की आवश्यकता है।

हेमा जायसवाल की यह यात्रा न केवल एक कलाकार की उपलब्धि है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि समर्पण, साधना और निरंतर प्रयास से कोई भी युवा अपनी कला को राष्ट्रीय मंच तक पहुँचा सकता है