समर्थन मूल्य और बोनस से किसान परिवार को मिला आर्थिक संबल, जीवन में आई खुशहाली

धमतरी जिले के किसान रामकुमार सिन्हा ने समर्थन मूल्य और बोनस से लाभ उठाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की है। डिजिटल टोकन प्रणाली और समय पर भुगतान से उनकी खेती अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक हुई।

Dec 17, 2025 - 17:04
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समर्थन मूल्य और बोनस से किसान परिवार को मिला आर्थिक संबल, जीवन में आई खुशहाली

 UNITED NEWS OF ASIA. रिजवान मेमन, धमतरी | जिले के विकासखंड कुरूद के मेहनती किसान  रामकुमार सिन्हा ने शासन की कृषि हितैषी नीतियों से लाभ उठाकर अपनी खेती और परिवार की आर्थिक स्थिति में मजबूती हासिल की है। लगभग 15 एकड़ भूमि में परंपरागत तरीके से धान की खेती करने वाले  सिन्हा की खेती ही परिवार की आजीविका का मुख्य साधन है। वर्षों की मेहनत और अनुभव के साथ उन्होंने खेती को व्यवस्थित रूप से अपनाया है और शासन द्वारा लागू की गई नीतियों से इसका लाभ सीधे अपने जीवन में महसूस किया है।

वर्तमान खरीफ विपणन वर्ष में सिन्हा ने अब तक 22 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर बेचा है। शेष धान के लिए उन्होंने समय पर टोकन भी कटवा लिया। उन्होंने बताया कि “टोकन तुंहर” एप के माध्यम से टोकन कटवाने की प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और समय की बचत करने वाली है। पहले जहाँ समितियों के चक्कर लगाने पड़ते थे, अब मोबाइल से ही सारी प्रक्रिया पूरी हो जाती है, जिससे किसानों का समय बचता है और कार्य अधिक सुगम होता है।

किसान  सिन्हा ने यह भी बताया कि शासन द्वारा धान खरीदी की सीमा (लिमिट) बढ़ाने से छोटे और मध्यम किसानों को विशेष राहत मिली है। इससे वे अपनी पूरी उपज बेचने में सक्षम हो रहे हैं और उपज का पूरा लाभ ले पा रहे हैं। इसके साथ ही समर्थन मूल्य के अलावा मिलने वाले लाभांश और बोनस से किसान परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। अब घर का खर्च सुचारू रूप से चल रहा है, बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिया जा रहा है और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें भी समय पर पूरी हो रही हैं।

सिन्हा का कहना है कि शासन की योजनाओं ने किसानों का भरोसा बढ़ाया है। समय पर भुगतान, डिजिटल व्यवस्था और पारदर्शिता से किसानों में उत्साह बढ़ा है। वे अन्य किसानों को भी शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी खेती अब केवल गुजारे का साधन नहीं रह गई है, बल्कि सम्मानजनक जीवन का आधार बन गई है।

कृषक  रामकुमार सिन्हा के अनुभव यह दर्शाते हैं कि सही नीतियां, तकनीकी सहायता और समय पर समर्थन मिलने पर किसान सशक्त बनता है। यह शासकीय योजनाओं की सफलता और किसान समृद्धि की प्रेरक मिसाल है, जो अन्य किसानों के लिए भी मार्गदर्शक सिद्ध हो रही है।