ईडी का बड़ा एक्शन: वनएक्सबेट मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुरेश रैना और शिखर धवन की 11.14 करोड़ की संपत्ति जब्त
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वनएक्सबेट मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारतीय क्रिकेटरों सुरेश रैना और शिखर धवन की 11.14 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। ईडी का कहना है कि दोनों खिलाड़ियों ने अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म 1xBet का प्रचार कर मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क को समर्थन दिया। जांच में विदेशी भुगतान, हवाला ट्रांजैक्शन और 1,000 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले का खुलासा हुआ है।
UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वनएक्सबेट (1xBet) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए भारत के दो पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना और शिखर धवन की 11.14 करोड़ रुपए की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त कर ली है। यह कार्रवाई विदेशी अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क से जुड़े आर्थिक अपराध की जांच के तहत की गई है।
ईडी के अनुसार, जब्त की गई संपत्ति में सुरेश रैना के 6.64 करोड़ रुपए के म्यूचुअल फंड्स और शिखर धवन की 4.5 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति शामिल है। एजेंसी ने दावा किया है कि दोनों खिलाड़ियों ने यह जानते हुए भी वनएक्सबेट के प्रतिनिधियों और उसके प्रचार अभियानों का समर्थन किया, जबकि यह प्लेटफॉर्म भारत में अवैध घोषित किया जा चुका है।
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, 1xBet नेटवर्क के जरिए 1,000 करोड़ रुपए से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग की गई थी। इस नेटवर्क में 6,000 से ज्यादा फर्जी खाते, असत्यापित भुगतान गेटवे और विदेशी कंपनियों के माध्यम से की गई मनी ट्रांजैक्शन का खुलासा हुआ है। अब तक 60 बैंक खाते और 4 करोड़ रुपए से अधिक की रकम फ्रीज की जा चुकी है।
एजेंसी ने बताया कि दोनों क्रिकेटरों ने वनएक्सबेट और उसके सरोगेट ब्रांड्स का जानबूझकर प्रचार किया, जिससे देश में अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा मिला। उनके प्रमोशन अनुबंध विदेशी माध्यमों से किए गए और भुगतान हवाला नेटवर्क के जरिए हुआ।
जांच में यह भी पाया गया कि वनएक्सबेट ने स्पोर्ट्स प्रमोशन कॉन्ट्रैक्ट्स और सोशल मीडिया कैंपेन के जरिये भारत में अपनी पहचान बनाई। कंपनी ने कई सेलिब्रिटीज़ और इन्फ्लुएंसर्स को मोटी रकम देकर ऐप का प्रचार करवाया।
गौरतलब है कि इस मामले से संबंधित कई राज्यों की पुलिस ने पहले ही एफआईआर दर्ज की थी, जिनमें धोखाधड़ी, अवैध सट्टेबाजी और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप शामिल थे। इन्हीं एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत केस दर्ज किया और कार्रवाई शुरू की।
ईडी की जांच जारी है और सूत्रों के अनुसार, एजेंसी जल्द ही इस नेटवर्क से जुड़े अन्य क्रिकेटरों, इन्फ्लुएंसर्स और विदेशी कंपनियों से भी पूछताछ कर सकती है।
यह मामला न केवल भारतीय खेल जगत बल्कि डिजिटल विज्ञापन और सट्टेबाजी से जुड़े नैतिक सवालों को भी उजागर कर रहा है।
