दिव्यांग बच्चों ने गरबा में दिखाई अद्भुत ऊर्जा और उमंग, सम्मानित हुए वरिष्ठ पत्रकार डी.के. शर्मा और मेघा तिवारी

रायपुर स्थित अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल में नवरात्रि के अवसर पर दिव्यांग बच्चों ने पूरे उत्साह और ऊर्जा के साथ गरबा नृत्य प्रस्तुत कर सबका दिल जीत लिया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार डी.के. शर्मा और मेघा तिवारी को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार वितरण किया गया और सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर कार्यक्रम को उत्सव का रूप दिया गया। बच्चों के जोश और प्रतिभा को देखकर उपस्थित अतिथि भी भावुक हो उठे।

Sep 25, 2025 - 16:34
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दिव्यांग बच्चों ने गरबा में दिखाई अद्भुत ऊर्जा और उमंग, सम्मानित हुए वरिष्ठ पत्रकार डी.के. शर्मा और मेघा तिवारी

UNITED NEWS OF ASIA. हसीब अख्तर, रायपुर। नवरात्रि उत्सव के पावन अवसर पर अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल, रायपुर के प्रांगण में विशेष बच्चों ने अपने जोश और उमंग से ऐसा गरबा प्रस्तुत किया कि उपस्थित सभी अतिथियों के चेहरे पर मुस्कान और आंखों में गर्व की चमक दिखाई दी। दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में गरबा खेलते हुए यह साबित कर दिया कि उनके अंदर भी अपार ऊर्जा और प्रतिभा विद्यमान है।

कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने हेतु पुरस्कार वितरण समारोह भी आयोजित किया गया। प्रथम पुरस्कार मौसम लूनिया को मिला, जबकि ‘बेस्ट ड्रेस’ का खिताब अर्चना, पायल और श्रेया नायक ने जीता। ‘बेस्ट गरबा’ श्रेणी में परमवीर, नमन, तान्या और टीना विजेता बने। इसके अतिरिक्त लकी ड्रा के माध्यम से भी कई बच्चों को विशेष पुरस्कार प्रदान किए गए।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार डी.के. शर्मा और पत्रकार मेघा तिवारी को समाजसेवा और पत्रकारिता में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में अष्टविनायक रियलिटीज़ मुख्य प्रायोजक रहे, जबकि इनर व्हील क्लब ऑफ रायपुर, हरसंभव फाउंडेशन, अर्णा फाउंडेशन, चालिए दान करें टीम, महेश्वरी समाज, और अर्पण दिव्यांग कल्याण समिति जैसी संस्थाओं ने सक्रिय सहयोग दिया।

कार्यक्रम में स्कूल के डायरेक्टर डॉ. राकेश पांडे, अध्यक्ष प्रकाश शर्मा, उपाध्यक्ष मृत्युंजय त्रिपाठी, प्राचार्य कमलेश शुक्ला, भूतपूर्व महापौर प्रमोद दुबे एवं गिरीश दुबे सहित कई विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे। मंच संचालन का उत्कृष्ट कार्य सीमा छाबड़ा ने किया, जबकि मुख्य अतिथि विक्की लोहाना और विशेष अतिथि ममता सुराना रहीं।

बच्चों के जोश और आत्मविश्वास को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो वे दिव्यांग नहीं बल्कि सामान्य बच्चे हों, जिन्होंने अपनी कला और उमंग से सभी का दिल जीत लिया। यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि सामाजिक समावेश और आत्मविश्वास की मिसाल साबित हुआ।