7 महीने बाद मां को मिला उसका ‘लाल’: दिल्ली मेट्रो से चोरी हुआ नवजात सुरक्षित बरामद
दिल्ली मेट्रो से अगवा किए गए डेढ़ महीने के बच्चे को दिल्ली पुलिस ने 7 महीने बाद सुरक्षित बरामद कर मां को सौंप दिया। महिला समेत पांच आरोपी गिरफ्तार किए गए।
UNITED NEWS OF ASIA. दिल्ली मेट्रो से चोरी हुआ डेढ़ महीने का नवजात बच्चा 7 महीने बाद सुरक्षित बरामद होकर अपनी मां की गोद में लौट आया है। दिल्ली पुलिस की मेट्रो यूनिट ने बड़े खुलासे के साथ बच्चा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक महिला सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अपहृत बच्चे को सुरक्षित छुड़ाकर उसके परिवार को सौंप दिया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार यह घटना 4 जून 2025 की है, जब सीलमपुर मेट्रो स्टेशन पर एक महिला ने नवजात बच्चे की मां को बहला-फुसलाकर मौके का फायदा उठाते हुए बच्चे का अपहरण कर लिया था।
पीड़िता की शिकायत पर शास्त्री पार्क मेट्रो थाने में मामला दर्ज किया गया, लेकिन काफी प्रयासों के बावजूद लंबे समय तक बच्चे और आरोपी का कोई सुराग नहीं मिल पाया, जिसके बाद इस मामले की जांच मेट्रो पुलिस यूनिट को सौंपी गई। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मुख्य आरोपी देवकी लगातार अपने ठिकाने बदलती रही ताकि पुलिस की पकड़ से बच सके। करीब 7 महीने की लगातार मेहनत और तकनीकी जांच के बाद पुलिस ने उसे उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में किराये के मकान से गिरफ्तार किया। पूछताछ में देवकी ने खुलासा किया कि उसने मंजी नामक व्यक्ति के कहने पर बच्चे का अपहरण किया था और बाद में इस नवजात को दिल्ली के आर्य नगर इलाके में 1 लाख 50 हजार रुपये में बेच दिया गया था।
इस सौदे में शीला नाम की महिला ने दलाल की भूमिका निभाई थी। पुलिस ने देवकी की निशानदेही पर बच्चे को खरीदने वाले दंपति धीर सिंह और उसकी पत्नी बनीता को भी गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद बच्चे को सुरक्षित बरामद कर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया गया और सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद उसे उसकी मां और परिवार को सौंप दिया गया। बच्चे को सकुशल वापस पाकर मां और परिवार की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार सभी आरोपियों को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और बच्चा तस्करी नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की जांच भी जारी है।
